देवदूत संदेश प्रार्थना के पाठ से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का संदेश
श्रोताओ रविवार 5 जुलाई को रोम स्थित संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में उपस्थित देश
विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना के पाठ से
पूर्व सम्बोधित करते हुए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहाः-
अतिप्रिय भाईयो
और बहनो,
अतीत में, जुलाई माह के प्रथम रविवार की विशेषता थी येसु के अनमोल रक्त
की आराधना। विगत सदी में, मेरे कुछेक वंदनीय पूर्वाधिकारियों ने इस परम्परा की पुष्टि
की तथा धन्य जोन तेईसवें ने अपने प्रेरितिक पत्र इन्दे अ प्रिमिस द्वारा इसके अर्थ की
व्याख्या की तथा इसकी स्तुति माला विन्ती को स्वीकृति प्रदान किया। रक्त का यह शीर्षक,
जो पास्काई रहस्य से जुड़ा है इसका पवित्र धर्मशास्त्र में प्राथमिक महत्व है। पुराने
व्यवस्थान में जैसा कि निर्गमन ग्रंथ की पुस्तक में हम पढ़ते हैं कि बलिदान में चढ़ाये
गये जानवरों के रक्त का छिड़काव ईश्वर और लोगों के बीच स्थापित संहिता का प्रतिनिधित्व
करता था। तब मूसा ने रक्त ले लिया और उसे लोगों पर छिड़कते हुए कहाः- यह विधान का रक्त
है जिसे प्रभु ने उन सब आदेशों के माध्यम से तुम लोगों के लिए निर्धारित किया है। येसु
अंतिम ब्यारी भोज के समय इस सूत्र को दुहराते हैं जब, अपने शिष्यों को प्याला अर्पित
करते हुए कहते हैं, यह मेरा रक्त है विधान का रक्त. जो बहुतों की पाप क्षमा के लिए बहाया
जा रहा है। कोड़े मारे जाने तथा क्रूस पर मृत्यु हो जाने के बाद उनकी बगल को भाला से
छेदे जाने के द्वारा ख्रीस्त ने विश्व की मुक्ति के लिए समर्पित सच्चे मेमने के समान
सचमुच अपना रक्त बहा दिया। नये विधान के अनेक प्रसंगों में उनके रक्त के मुक्तिदायी मूल्य
की स्पष्ट अभिव्यक्ति की पुष्टि की गयी है।
पुरोहितों के इस वर्ष में, एक व्यक्ति
को चाहिए कि इब्रानियों के नाम पत्र की सुंदर पंक्तियों का उद्धरण दे - मसीह हमारे भावी
कल्याण के लिए आये हैं और उन्होंने बकरों तथा सांड़ों का नहीं बल्कि अपना रक्त लेकर सदा
के लिए एक ही बार परमपावन स्थान में प्रवेश किया और इस तरह हमारे लिए सदा सर्वदा बना
रहनेवाला उद्धार प्राप्त किया है। यदि बकरों और साँड़ों का रक्त तथा कलोर की राख अशुद्ध
लोगों पर छिड़का जाता है और उनका शरीर फिर शुद्ध हो जाता है, यदि उस में पवित्र करने
की शक्ति है तो फिर मसीह का रक्त जिसे उन्होंने शाश्वत आत्मा के द्वारा निर्दोष बलि के
ऱूप में ईश्वर को अर्पित किया है हमारे अन्तःकरण को पापों से क्यों नहीं शुद्ध करेगा,
और हमें जीवन्त ईश्वर की सेवा के योग्य बनायेगा
प्रिय भाईयो, उत्पत्ति ग्रंथ
में लिखा है कि अपने भाई काईन के द्वारा मारे गये हाबिल के रक्त ने धरती से ईश्वर को
पुकार कर कहा, और दुर्भाग्य से, कल के समान ही आज भी यह पुकार नहीं रूकती है क्योंकि
मानव रक्त का बहना हिंसा, अन्याय और नफरत के कारण निरंतर जारी है। कब मानव सीखेगा कि
जीवन पवित्र है और यह केवल ईश्वर का है कब लोग समझेंगे कि हम सब बंधु हैं। पृथ्वी
के अनेक भागों से जो रक्त ऊपर की ओर जाती है ईश्वर अपने पुत्र के रक्त द्वारा जवाब देते
हैं जिन्होंने हमारे लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। ख्रीस्त ने बुराई का जवाब बुराई से
नहीं लेकिन भलाई से, अपने असीम प्रेम से दिया। ख्रीस्त का रक्त मानवजाति के लिए ईश्वर
के निष्ठावान प्रेम का संकल्प है। क्रूसित येसु के घावों को देखते हुए प्रत्येक प्राणी,
जो नैतिक दुर्दशा की चरम परिस्थिति में हो, वह कह सकता है ईश्वर ने मूझे नहीं छोड़ा है,
वे मुझे प्रेम करते हैं, उन्होंने मेरे लिए अपना जीवन दे दिया और इस तरह से वह आशा की
पुर्नखोज करता है। कुँवारी माता मरियम जो क्रूस के नीचे प्रेरित संत योहन के साथ थीं
और जिन्होंने येसु के रक्त की गवाही को देखा था हमें इस कृपा की अपार समृद्धि की पुनर्खोज
करने तथा इसके लिए गहन और सतत कृतज्ञता का भाव अनुभव करने में हमारी सहायता करें।
इतना
कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक
आशीर्वाद प्रदान किया।