नई दिल्लीः बाबरी मस्जिद पर आयोग की रिपोर्ट 17 साल बाद
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की जांच के लिए गठित लिब्राहन आयोग ने मंगलवार को
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 17 साल बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस आयोग का गठन सन् 1992
में किया गया था।
आयोग को 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ध्वस्त
कर दिये जाने की जाँचपड़ताल का कार्यभार सौंपा गया था। आयोग को यह जाँच करना था कि किन
परिस्थितियों में मस्जिद को ध्वस्त किया गया।
मंगलवार को जस्टिस एम.एस. लिब्राहन
ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इस अवसर पर गृह मंत्री पी. चिदंबरम
भी वहां मौजूद थे। रिपोर्ट का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। इन 17 वर्षों में जाँचपड़ताल
के लिये 48 बार लिब्राहन आयोग का समय बढ़ाया गया था। 31 मार्च 2009 को इस आयोग का कार्यकाल
3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया था।
गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को, हिन्दु चरमपंथी
दलों ने, अयोध्या स्थित 16 वीं शताब्दी में निर्मित बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था
जिसके बाद सम्पूर्ण भारत में हिन्दु मुसलमान दंगे भड़क उठे थे। दंगों में हजारों लोगों
की मौत हो गई थी।