श्रीलंका ने प्रवासी तमिलों की ओर से भेजी गई लोकोपकारी सहायता स्वीकार करने की भारत
की अपील को स्वीकार कर लिया है। यूरोप में निवास करनेवाले तमिल आप्रवासियों ने खाद्य
पदार्थों एवं दवाइयों से भरा एक जहाज़ श्रीलंका में लड़ाई के दौरान विस्थापित हुए लोगों
के लिए भेजा है। श्रीलंकाई अधिकारियों ने इस जहाज़ को वापस लौटने का आदेश दिया था लेकिन
भारत की अपील पर वह इसे स्वीकार करने के लिए राज़ी हो गया है। भारत के दौरे पर आए श्रीलंका
प्रतिनिधिमंडल से भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने अपील की थी कि राहत सामग्री स्वीकार
कर ली जाए। भारतीय विदेश मंत्री ने बताया कि राहत सामग्री का वितरण भारतीय रेड क्रॉस
द्वारा किया जायेगा। इस समय लोकोपकारी सामग्री लिये यह जहाज़ भारत के दक्षिणी शहर चेन्नई
के समुद्र तट के पास खड़ा है। दिल्ली पहुँचे श्रीलंकाई रक्षा मंत्री गोताबाया राजपक्षे
ने कहा कि तमिल विद्रोहियों के साथ लड़ाई के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश की जा
रही है। उन्होंने कहा कि 180 दिनों के भीतर विस्थापित हुए अधिकतर लोगों का पुनर्वास हो
जाएगा। ग़ौरतलब है कि हाल के माहों में तमिल गुरिल्लाओं एवं श्री लंका के सैन्य दलों
के बीच घमासान युद्ध हुआ था जिससे लगभग तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं तथा इस समय अस्थायी
शरणार्थी शिविरों में जीवन यापन को बाध्य हैं।