मुम्बई की खास अदालत ने जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद और लश्कर कमांडर जकी-उर
रहमान लखवी सहित 26 नवम्बर को मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलों के फरार 22 आरोपियों के
खिलाफ गैरजमानती वॉरंट जारी किया है। अभियोग पक्ष ने अदालत के समक्ष सबूत पेश किए कि
इन्हीं लोगों ने मुंबई हमलों के अभियुक्त कसाब और 9 अन्य को ट्रेनिंग दी थी तथा उन्हें
आतंकवादी गतिविधि के लिये साजो सामान उपलब्ध कराया था।
सबूतों की पेशगी के बाद
न्यायाधीश एम. एल. तहलियानी ने आदेश जारी किया कि मुंबई पुलिस कमिश्नर और सीबीआई डायरेक्टर
इंटरपोल के जरिए इस वॉरंट को कार्यरूप दें तथा फरार आरोपियों को जल्द से जल्द अदालत के
सामने पेश करें।
सरकारी वकील उज्ज्वल निकम के मुताबिक, अब यह वॉरंट इंटरपोल को
भेजा जाएगा, जो सदस्य देशों को रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर इन आरोपियों का पता लगाने के
लिए कहेगा। चूंकि पाकिस्तान भी इंटरपोल का मेंबर है अतः वॉरंट को कार्यरूप देना पाकिस्तानी
पुलिस का वैधानिक दायित्व हो जाता है। गौरतलब है कि सईद को पाकिस्तानी कोर्ट ने कुछ दिन
पहले ही नजरबंदी से आजाद किया है और पाकिस्तानी सरकार उसके खिलाफ सर्वोच्च अदालत में
अपील करने में असमंजस दिखा रही है।