बैंकॉक, 19 जून, 2009। मलेशिया के क्वालंपुर में मुसलिम प्रोफेशनल्स फोरमो और फ्रेंजस
इन कनभरसेशन दोनों संगठनों ने मिलकर एक सेमिनार का आयोजन बंगसरेरन चर्च में किया। इसकी
जानकारी देते हुए रेभरे सिभिन किट ने बताया की इस सभा की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि इसने
करीब 103 अंतरधार्मिक प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाया जिसमें सौहार्दपूर्ण वातावरण में
सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सका। इस वार्तालाप में
इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि कोई भी प्रतिभागी दूसरे की भावना को ठेस न पहुँचाये। इस
सेमिनार में जिन बातों पर विचार किया गया उनमें प्रमुख थे मुसलिम पार्टियों के द्वारा
देश में इस्लामिक कार्यक्रम को लागू कराने का प्रयास और सरकार के द्वारा काथलिकों को
इस बात के लिये रोक लगाना कि वे अल्लाह शब्द का प्रयोग न करें। हाई कोर्ट ने भी यह
आदेश दिया है कि ईसाई अगल 7 जुलाई तक अल्लाह शब्द को प्रयोग न करे। इस अवसर एक अन्य
प्रवक्ता ऑस्ट्रेलियन वकील और मुस्लिम नेता वालिज अली की उस किताब पर भी चर्चा हुई जिसका
नाम है ' पीपल लाइक अस, हाउ अरोगन्स इज़ डिवाईडिंग इसलाम ऐँड द वेस्ट ' । इस किताब
में वालिद अली ने इस बात को बताने का प्रयास किया है कि पश्चिमी देशों और इस्लाम में
किस तरह की भ्रांतियाँ हैं। रेभरेन कित ने इस सेमिनार को अंतरधार्मिक वार्त्ता कि
दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम बतलाते हुए आशा व्यक्त की है कि इस प्रकार के और भी सेमिनार
आयोजित किये जायेंगे आपसी भ्रांतियाँ और मतभेद दूर हो सके।