2009-06-15 13:00:49

दलित हिन्दुओं और दलित ईसाइयों को समान अधिकार मिले – महाधर्माध्यक्ष जोजी


हैदराबाद, 14 जून, 2009 । हैदराबाद के दलित बिशप डॉ. मरामपुडी जोजी ने कहा है कि दलित हिन्दुओं और दलित ईसाइयों को देश में समान अधिकार मिलना चाहिये। उन्होंने उक्त बाते उस समय कहीं जब वे संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वे भारत के पहले दलित धर्माध्यक्ष है और उनका दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करना कि देश के सभी दलित एक प्रकार के अधिकारों और सुविधाओं का उपयोग करें । इसमें किसी प्रकार का भेदभाव न बरता जाये।

महाधर्माध्यक्ष जोजी ने पिछले सप्ताह इसी मुद्दे का प्रतिवेदन राज्य के मुख्यमंत्री वाई. एस. आर. रेड्डी को दी।

महाधर्माध्यक्ष ने 40 सदस्यों की एक समिति की अगवाई की और मुख्यमंत्री से मुलाक़ात माँग की है कि वे सन् 1950 के राष्ट्रपति के आदेश का पालन करते हुए ख्रीस्तीय और मुसलमान दलित समुदाय को वही अधिकार दें जो हिन्दु दलितों को प्राप्त है।

उन्होंने यह यह आरोप लगाया कि सुविधाओँ को किसी एक समुदाय को देकर दलित समुदाय को धर्म के आधार पर बाँटने का षडयंत्र रचा जा रहा है।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि ऐसा करना संविधान की धारा 15 और 25 का खुला उल्लंघन है। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि जब संत पापा ने उन्हें महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किया तो समाज के कई लोगों ने इसकी टीका-टिप्पणी की।

पर इस बात समझा जाना चाहिये कि सिर्फ़ कलीसिया ही सबों के साथ परिवार-सा वर्ताव करती है किसी के साथ किसी प्रकार का भेद-भाव नहीं रखती।

महाधर्माध्यक्ष ने इस बात को दुहराया कि धर्म बदलने से दलितों की जाति नहीं बदल जाती है इस लिये जाति जो अधिकार और सुविधायें एक जाति को मिलती है उसके धर्म परिवर्तन के बाद भी वे सुविधायें मिलती रहनी चाहिये।








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