वाटिकन सिटीः सार्वजनिक जीवन को आलोक प्रदान करना धर्माध्यक्षों का अधिकार एवं दायित्व,
बेनेडिक्ट 16 वें
वेनेजूएला से, कलीसिया के परमाध्यक्ष के साथ, अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात हेतु
रोम आये काथलिक धर्माध्यक्षों ने सोमवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का साक्षात्कार
कर उनका संदेश सुना। सन्देश में सन्त पापा ने इस बात पर बल दिया कि लोगों को सार्वजनिक
जीवन के लिये आलोक प्रदान करना धर्माध्यक्षों का अधिकार होने के साथ साथ उनका कर्त्तव्य
भी है। वेनेजूएला की सरकार तथा कलीसिया के बीच हाल में बिगड़ते सम्बन्धों पर सन्त
पापा ने प्रत्यक्ष रूप से कुछ नहीं कहा किन्तु देश के कल्याण हेतु किये जा रहे धर्माध्यक्षों
के कार्यों की सराहना की। सन्त पापा ने कहा कि राजनैतिक गतिविधियाँ लोकधर्मियों के अनुकूल
हैं तथा ख्रीस्त के अनुयायी होने के नाते उनका दायित्व है कि वे ईश योजना के अनुकूल सांसारिक
वास्तविकताओं को सही दिशा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिये परिपक्व लोकधर्मियों
की आवश्यकता है जो ख्रीस्तीय विश्वास का विश्वसनीय साक्ष्य दे सकें तथा ख्रीस्त के अनुयायी
होने के आनन्द का अनुभव प्राप्त कर सकें। इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने कलीसिया की सामाजिक
शिक्षा की उपयुक्त समझदारी पर बल दिया।
ग़ौरतलब है कि विगत माहों में वेनेजूएला
में हुगो चावेज़ की सरकार तथा कलीसियाई धर्माध्यक्षों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद बने
रहे। इन्हीं के चलते वर्ष के आरम्भ में परमधर्मपीठीय राजदूतावास पर भी हमला हुआ था। कलीसिया
के प्रति वेनेजूएला की सरकार का रुख इतना कठोर रहा है कि अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता
सम्बन्धी अमरीकी आयोग ने वेनेजूएला को मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिये काली सूची में
रख दिया है।
धर्माध्यक्षों से सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें अनुरोध किया कि वे
सत्य के प्रचार से कभी पीछे न हटें तथा ख्रीस्त के प्रेम सन्देश को, उसकी अखण्डता एवं
उसके सारे सौन्दर्य के साथ, जन जन में पहुँचायें।