लोकधर्मी कलीसिया के निर्माण की जिम्मेदारी में पूरी तरह भाग लें
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रोम धर्मप्रांत के वार्षिक सम्मेलन के प्रतिभागियों को
26 मई को संत जोन लातेरन बासिलिका में सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकधर्मियों का आह्वान
किया जाता है कि वे पल्ली के संचालन में पुरोहितों को केवल सहायता नहीं दें लेकिन कलीसिया
के निर्माण की जिम्मेदारी में पूरी तरह भाग लें। उन्होंने कहा कि इसके लिए मानसिकता में
परिवर्तन की जरूरत होगी। लोकधर्मियों को न केवल याजकवर्ग के सहयोगी के रूप में देखा जाना
चाहिए बल्कि कलीसिया के अस्तित्व और कार्य़ में उनकी यथार्थ जिम्मेदारी को मान्यता प्रदान
करनी होगी। कलीसिया की पहचान और इसके सदस्यों के भूमिका विषय पर संत पापा के वक्तव्य
के साथ ही रोम धर्मप्रांत के प्रतिभागियों की तीन दिवसीय बैठक आरम्भ हुई जो 29 मई तक
चलेगी। इसमें मेषपालीय सेवाओं तथा पल्ली और धर्मप्रांत के जीवन में काथलिकों की सहभागिता
को मजबूती प्रदान करने के बिन्दुओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है।संत पापा न कहा कि
पहला कदम शइक्षा के प्रयासों में सुधार लाना है ताकि द्वितीय वाटिकन महासभा द्वारा कलीसिया
को ईशप्रजा और ख्रीस्त की देह कहा तो इसका क्या अर्थ है इसे लोग समझ सकें।