कोलोम्बोः श्री लंका ने तमिल लड़ाकाओं के विरुद्ध विजय की घोषणा की
श्री लंका की सरकार ने कहा है कि उसने देश में तीन दशकों से तमिल गुरिल्लाओं के साथ जारी
युद्ध पर विजय प्राप्त कर ली है। मंगलवार को श्री लंकाई संसद को सम्बोधित कर राष्ट्रपति
महिंदा राजपक्षे ने कहा कि सेना ने तमिल विद्रोहियों को पराजित कर दिया है तथा उसके सभी
वरिष्ठ लड़ाकाओं को मार गिराया है। सोमवार को सेना ने कहा था कि वेलुपिल्लई प्रभाकरण
मारे गए हैं लेकिन तमिल लड़ाकाओं की वेबसाईट ने दावा किया है कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़
तमिल ईलम के अध्यक्ष प्रभाकरण जीवित और सुरक्षित हैं। सेना के अनुसार सोमवार को प्रभाकरण
के बेटे चार्ल्स एंथनी के अलावा एलटीटीई के तीन अन्य प्रमुख नेता भी मारे गए। राष्ट्रपति
राजपक्षे ने अपने संबोधन में कहा, ''श्रीलंका को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (एलटीटीई)
के आतंकवाद से मुक्त करा लिया गया है।'' तथापि उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं कि प्रभाकरण
इस जंग में मारे गये हैं। सेना के अनुसार प्रभाकरण के जले हुए शव को बरामद किया गया है
जिसकी जाँच पड़ताल जारी है। राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट किया कि सेना की कार्रवाई एल.टी.टी.ई.
के विरुद्ध थी तमिल जनता के विरुद्ध नहीं। तमिल लोगों को उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी
रक्षा की जाएगी तथा सभी को समान अधिकार प्राप्त होंगे ताकि सभी भय एवं आतंक के बिना जीवन
यापन कर सकें। इस बीच, भारत ने कहा है कि प्रभाकरण की मृत्यु के साथ ही श्रीलंका
में युद्ध समाप्त हो गया है और अब श्री लंका की सरकार को तमिल जनता की समस्याएँ हल करनी
चाहिए। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने कहा, ''अब श्रीलंका में
लड़ाई ख़त्म हो गई है, इसलिए वहां की सरकार को संविधान के अनुकूल सत्ता के विकेंद्रीकरण
पर ध्यान देना चाहिए ताकि तमिल सहित सभी समुदाय स्वतः को सुरक्षित महसूस कर सकें और प्रतिष्ठापूर्ण
जीवन यापन कर सकें।'' श्रीलंका के युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में, भारत ने, चिकित्सा
दल और दवाइयाँ भेजने की भी घोषणा की है।