मुम्बईः भारतवासियों ने ऱूढ़िवाद एवं साम्यवाद के विरुद्ध फैसला दिया
भारत में 16 मई को लोक सभा चुनावों के परिणाम घोषित हो जाने के बाद देश के काथलिक नेताओं
ने अपनी प्रतिक्रियाएँ दर्शाते हुए कहा कि भारतवासियों ने रूढ़िवाद एवं साम्यवाद के विरुद्ध
फैसला दिया है।
काँग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यू.पी.ए. की विजय तथा भाजपा
के नेतृत्व वाले गठबंधन एन.डी.ए. एवं साम्यवादी पार्टियों की हार के बाद दिये अपने वकतव्यों
में काथलिक कलीसिया के नेताओं ने कहा कि भारतवासियों ने रूढ़िवाद एवं साम्यवाद के विरुद्ध
अपना फैसला दिया है।
एशिया समाचार से बातचीत में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय
सम्मेलन के महासचिव महाधर्माध्यक्ष स्टानिसलाव फेरनानडेज़ ने कहा कि देश की धर्मनिर्पेक्ष
छवि के लिये चुनाव परिणाम का स्वागत किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह इस बात का
संकेत है कि भारत के लोग स्थायी सरकार चाहते हैं रूढ़िवाद एवं साम्यवाद नहीं।
वाटिकन
की संस्कृति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति में सेवारत भारत के मान्यवर थेयोदोर मेसकेरेनस
ने कहा कि चुनाव परिणाम उड़ीसा तथा कर्नाटक जैसे राज्यों में घृणा की राजनीति के विरुद्ध
दिया गया करारा जवाब है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम भारतीय जनता की बुद्धिमता को प्रतिबिम्बित
करता है जिन्होंने विभाजन एवं घृणा का बहिष्कार कर एकता एवं विकास का रास्ता चुना है।