यर्दन नदी के तट पर गिरजाघरों के निर्माण के लिए नींव के पत्थरों को आशीष देने के अवसर
पर संत पापा का संदेश
यर्दन नदी के तट पर दो गिरजाघरों के निर्माण के लिए नींव के पत्थरों को आशीष देने के
अवसर पर 10 मई को संत पापा ने कहा कि यर्दन नदी के तट पर यह स्थान जो बाइबिल इतिहास की
अनेक स्मरणीय घटनाओं से जुड़ा है मैं महान आध्यात्मिक आनन्द के साथ यहाँ आया हूँ कि दो
काथलिक गिरजाघरों के निर्माण के लिए नींव के पत्थरों को आशीष दूँ। सम्राट अब्दुल्लाह
द्वितीय और रानी रानिया के सत्कार और हसेमाईत किंगडम ओफ जोरडन द्वारा प्रदर्शित स्वागत
सत्कार के लिए इस महत्वपूर्ण स्थल पर मैं पुनः कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। हम इस ज्ञान
से आनन्दित हों कि दो इमारतें एक लातिनी और दूसरी ग्रीक मेल्काइत काथलिक रीति की बनायी
जायेंगी जो अपने समुदाय की परम्पराओं के अनुरूप ईश्वर के एक परिवार की सेवा में योगदान
देंगी। चर्च का नींव पत्थर ख्रीस्त का प्रतीक है। चर्च ख्रीस्त पर आधारित है और इसे उनसे
अलग नहीं किया जा सकता है। वे ही प्रत्येक ख्रीस्तीय समुदाय की नींव के पत्थर हैं। हम
बपतिस्मा के द्वारा कलीसिया में प्रवेश करते हैं। ख्रीस्त के बपतिस्मा की स्मृति इस स्थल
पर हमारे सामने प्रत्यक्ष होती है। येसु पंक्ति में खड़े हुए और जोन बपतिस्ता से पश्चाताप
का बपतिस्मा ग्रहण किये जो कि उनके अपने दुखभोग ,मृत्यु और पापों की क्षमा के लिए पुनरूत्थान
का नबूवती प्रतीक था। सदियों से अनेक तीर्थयात्री यर्दन आये हैं ताकि शुद्ध हो सकें,
अपने विश्वास को नवीकृत कर सकें और ईश्वर के निकट आ सकें। ख्रीस्तीय समुदाय नागर समाज
में वार्ता और समझदारी का प्रसार करें जब आप अपने वैध अधिकारों का दावा करते हैं। मध्य
पूर्व क्षेत्र जो पीड़ा, हिंसा और अनसुलझे तनाव से पीड़ित रहा है ख्रीस्तीयों का आह्वान
किया जाता है कि वे येसु के उदाहरण से उत्प्रेरित होकर क्षमा और उदारता द्वारा शांति
और पुर्नमिलन के लिए योगदान दें।