इस्राएल की राजधानी तेल अवीव स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर संत पापा का संदेश
इस्राएल की राजधानी तेल अवीव स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर 11 मई को आयोजित स्वागत
समारोह में राष्ट्रपति सिमोन पेरेस के सहर्ष स्वागत के लिए धन्यवाद देते हुए संत पापा
ने कहा कि इस पवित्र भूमि की तीर्थयात्रा पर आने के लिए दिये गये निमंत्रण हेतु वे उन्हें
धन्यवाद देते हैं। संत पापा ने कहा कि यह भूमि अनेक नबियों के पदचिह्नों से पवित्र हुई
है। ख्रीस्तीयों के लिए विशेष रूप से वंदनीय भूमि है जहाँ येसु ख्रीस्त के जीवन, मृत्यु
और पुनरूत्थान की घटनाएँ हुईं। संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय तीर्थयात्रियों की पंक्ति
में वे स्थान लेते हैं तथा पवित्र भूमि और सम्पूर्ण विश्व में शांति के लिए प्रार्थना
करने आये हैं। संत पापा ने आगे कहा कि होली सी और इस्राएल के बीच अनेक साझा मूल्य हैं।
सबसे ऊपर समाज के जीवन में धर्म को उसका उचित स्थान देने के प्रति समर्पण। संत पापा ने
कहा कि जब मानव के धार्मिक पहलू से इंकार किया या हासिये पर डाला जाता है तो अहस्तांतरणीय
मानव अधिकार की उचित समझ की नींव को ही अस्थिर किया जाता है। संत पापा ने कहा कि सामीवाद
विरोध अस्वीकार्य है। इसे दूर करने के लिए यथासंभव प्रयास किया जाना चाहिए। संत पापा
ने कहा कि येरूसालेम में रहते समय उन्हें देश के प्रतिष्ठित धार्मिक नेताओं से मिलने
का अवसर प्राप्त होगा। इस शहर के प्रति तीनों महान एकेश्वरवादी धर्मों की श्रद्धा है।
उनकी आशा है कि सब पवित्र स्थलों तक तीर्थयात्रियों को स्वतंत्रतापूर्वक पँहुचने और धार्मिक
समारोहों में भाग लेने की आजादी होगी। संत पापा ने कहा कि येरूसालेम अपने नाम से शांति
का शहर है तथापि अनेक दशकों से पवित्र भूमि के निवासी शांति से वंचित रहे हैं। सदइच्छावाले
सब लोगों से उनकी अपील है कि वैध समाधान पाने के यथासंभव उपाय किये जायें ताकि इस्राएली
और फिलिस्तीनी दोनों पक्ष अपने गृहप्रदेश में शांतिपूर्वक जीवनयापन कर सकें। महान भरोसे
का माहौल बने जो सब पक्षों को शांति और स्थायित्व के मार्ग पर यथार्थ प्रगति करने के
लिए सक्षम बनाये। संत पापा ने पवित्र भूमि के काथलिक धर्माध्यक्षों और विश्वासियों का
विशेष अभिवादन किया। उन्होंने होली लैंड के ख्रीस्तीयों का आह्वान किया कि क्षमा और मेलमिलाप
का निष्ठापूर्ण साक्ष्य देकर प्रत्येक मानव के जीवन की पवित्रता के प्रति समर्पित रहकर
इस भूमि में दीर्घकाल से प्रताड़ित करनेवाली शत्रुता को समाप्त करने में वे विशिष्ट योगदान
दें तथा सबलोगों के लिए शांति और परस्पर सम्मान का प्रसार कर प्रचुर मात्रा में फल उत्पन्न
करें।