अम्मानः धार्मिक स्वतंत्रता के सम्मान हेतु जॉर्डन की सराहना
काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें इस समय जॉर्डन में हैं। शुक्रवार
आठ मई को उन्होंने रोम से पवित्रभूमि की आठ दिवसीय यात्रा के लिये प्रस्थान किया था।
जॉर्डन इस यात्रा का प्रथम पड़ाव है। यात्रा के द्वितीय चरण में सन्त पापा इसराएल एवं
तीसरे चरण में फिलीस्तीनी प्रदेशों की यात्रा करेंगे।
वाटिकन की प्रेरितिक पर्यटन
संस्था ओपेरा रोमाना पेलेग्रीनाज्यो के फादर सीज़र आतिरे ने ज़ेनित समाचार से कहा कि
पवित्रभूमि में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यात्रा उस समय हो रही है जब इस क्षेत्र
के् लोग शांति में जीवन यापन के तरीकों की खोज में लगे हैं इसलिये यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण
यात्रा है।
यात्रा के प्रथम दिन अर्थात शुक्रवार को स्वागत समारोह के अवसर पर
जॉर्डन को अपना प्रथम संदेश देते हुए सन्त पापा ने देश में विद्यमान धार्मिक स्वतंत्रता
का भूरि भूरि प्रशंसा की और कहा कि धर्म एवं विश्वास की स्वतंत्रता मूलभूत मानवाधिकार
है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पवित्रभूमि में उनकी यात्रा एक तीर्थयात्रा है जिसके
दौरान वे बाईबिल इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं के स्थलों की भेंट कर प्रभु ईश्वर से मध्यपूर्व
एवं सम्पूर्ण विश्व के लिये शांति के वरदान हेतु प्रार्थना करना चाहते हैं।
स्वागत
समारोह के अवसर पर सन्त पापा ने जॉर्डन के मुसलमान समुदाय के प्रति गहन सम्मान का प्रदर्शन
किया तथा इस्लाम द्वारा उदघोषित सदगुणों की बेहतर समझदारी के लिये सम्राट अब्दल्लाह द्वितीय
की सराहना की। सम्राट के अम्मान संदेश एवं अम्मान अन्तरधार्मिक संदेश के सन्दर्भ में
सन्त पापा ने कहा कि इन योग्य पहलों ने पश्चिम तथा मुसलमान जगत की सभ्यताओं के बीच मैत्रीपूर्ण
सम्बन्ध को प्रोत्साहित किया है तथा उनके मतों को झुठला दिया है जो इन दोनों के बीच केवल
हिंसा एवं संघर्ष की भविष्यवाणियाँ करते रहे थे।
इसराएली- फिलीस्तीनी संघर्ष
का समाधान खोजने की कोशिशों तथा ईराक से शरणार्थियों को स्वीकार करने के लिये भी सन्त
पापा ने जॉर्डन की प्रशंसा की।
जॉर्डन में ख्रीस्तीयों की संख्या मात्र छः प्रतिशत
है जबकि देश की 92 प्रतिशत जनता इस्लाम धर्मानुयायी है।