संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रेजीना पाचिस केन्द्र की भेंट की
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अम्मान स्थित रेजीना पाचिस केन्द्र की भेंट की जहाँ लोगों
ने सहर्ष उनका स्वागत किया। उन्होंने विकलांगों की सेवा में समर्पित इस केन्द्र के प्रबंध
और संचालन से जुड़े सब लोगों की समर्पित सेवा, पेशेवर कर्मठता, सहानुभूति और उदारता के
लिए कृतज्ञता ज्ञाप्ति की। संत पापा ने कहा कि असंख्य तीर्थयात्रियों के समान अब उनकी
बारी है कि वे उन स्थलों का स्पर्श करें, सम्मान प्रदर्शित करें तथा शांति प्राप्त करें
जहाँ येसु जीये और अपनी उपस्थिति से पवित्र कर दियs। संत पापा ने कहा कि येरूसालेम ईसाईयों
के लिए तीर्थस्थल रहा है। प्राचीन समय से ही यहाँ पवित्र तीर्थालय बनाये गये जहाँ लोग
दिव्य उपस्थिति या कार्य़ का स्मरण कर सकें। संत पापा ने कहा कि हम में से प्रत्येक जन
तीर्थयात्री हैं। हम उददेश्य सहित ईश्वर के मार्ग पर चलने के लिए आमंत्रित किये जाते
हैं। इस केन्द्र की सफलता रही है कि विकलांगों को समाज में उनका वैध स्थान दिलाने तथा
पुर्नवास के लिए प्रशिक्षण और अवसरों को उपलब्ध कराता है। इस दूरदर्शिता और दृढ़ता के
लिए वे सबकी प्रशंसा कर उन्हें प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। संत पापा ने कहा कि शारीरिक
और मानसिक दुःख बाधा बनती हैं इनका सामना विश्वास और समझदारी के साथ किया जाना चाहिए
ताकि ईश्वर के बेशर्त्त प्रेम को देखा जा सके जो प्रत्येक व्यक्ति को जीवन देते हैं ,
सम्पूर्ण मानव जीवन को अर्थ और उददेश्य प्रदान करते हैं। संत पापा ने रेजीना पाचिस केन्द्र
से विशेष सहायता प्राप्त कर रहे लोगों से कहा कि उनकी सहानुभूति और दृढ़ता के अनुभवों
से उन्हें भी और अधिक मानवीय बनने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त होता है। उन्होंने सबका
आह्वान किया कि वे नकारात्मकता, अन्याय और क्षमा देने की अनिच्छा से परे जाकर ईश्वर के
समीप आयें। रेजीना पाचिस केन्द्र से जुड़े सब लोगों के लिए संत पापा ने ईश्वरीय वरदानों
की कामना की।