वाटिकन सिटीः राजनीतिक और धार्मिक तनाव के बीच बेनेडिक्ट 16 वें पवित्रभूमि में पुनर्मिलन
पर बल देंगे
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें, आगामी शुक्रवार 8 मई को जॉर्डन, इसराइल और फिलीस्तीन प्रदेशों
की आठ दिवसीय यात्रा के लिये रवाना हो रहे हैं।
सन्त पापा की इस यात्रा को दिलचस्प,
महत्वपूर्ण और जटिल" बताते हुए सोमवार को वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर फेदरीको
लोमबारदी ने कहा कि पवित्रभूमि में ख्रीस्तीय, इस्लाम एवं यहूदी धर्मों के पुण्य स्थलों
का दौरा कर सन्त पापा पुनर्मिलन का प्रयास करेंगे और साथ ही ख्रीस्तानुयायियों को उनके
विश्वास में सुदृढ़ करेंगे।
बेनेडिक्ट 16 वें काथलिक कलीसिया के तीसरे परमाध्यक्ष
हैं जो पवित्रभूमि की आधिकारिक यात्रा कर रहे हैं। इससे पूर्व सन् 1964 में सन्त पापा
पौल षष्टम तथा सन् 2000 में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने पवित्रभूमि की यात्राएँ की
थी।
राजनैतिक स्तर पर एक ओर इसराएल में बेन्यामिन नेतनयाहू की नवगठित सरकार
के कारण तनाव उत्पन्न हो गये हैं। इससे सिरिया के साथ बातचीत का जरिया समाप्त हो गया
है तथा नरमपंथी फिलीस्तीनीयों के साथ भी मतभेद सघन हो गये हैं। तो दूसरी ओर शांति हेतु
अनेक अरबी लोगों की आशा धूमिल हुई है। अरब जगत भी पहले से कहीं अधिक विभाजित है। मिस्र
और जोर्डन में कुछ व्यक्तियों पर शिया उग्रवाद का हिस्सा होने के आरोप में चल रहे मुकद्दमें,
मध्यपूर्व के महत्वपूर्ण देश, लेबनान में होनेवाले राष्टपति चुनाव को प्रभावित कर रहे
हैं।
तथापि वाटिकन प्रेस प्रवक्ता के अनुसार सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यात्रा
का राजनीति से कोई लेन देन नहीं क्योंकि वे एक तीर्थयात्री रूप में पवित्रभूमि की यात्रा
कर रहे हैं। अपनी यात्रा द्वारा वे पवित्रभूमि के उत्पीड़ित ख्रीस्तीयों में साहस एवं
आशा का संचार करना चाहते हैं।