न्यूयॉर्कः शांति और सुरक्षा के लिये वाटिकन ने परमाणु निरस्त्रीकरण की अपील की
वाटिकन ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया है कि विभिन्न देशों के बीच विश्वास,
सुरक्षा एवं शांति के लिए वह परमाणु निरस्त्रीकरण तथा अस्त्रों के अप्रसार को प्रोत्साहन
प्रदान करे।
सना 2010 में परमाणु अस्त्रों के अप्रसार से सम्बन्धित संधि के पुनरावलोकन
हेतु एक विश्वव्यापी सम्मेलन होने जा रहा है। इसी की तैयारी हेतु आयोजित एक बैठक को सम्बोधित
करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तीनो मिलियोरे
ने कहा कि चार दशकों पूर्व निर्मित उक्त संधि को ठोस एवं निरन्तर जारी समर्थन दिया जाना
आवश्यक है।
तथापि महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि निरस्त्रीकरण एवं अस्त्रों के अप्रसार
पर संधि को अनुमोदन एवं अनुसमर्थन मिल जाने के बावजूद विश्व के कई देश परमाणु हथियारों
की दौड़ में शामिल होने की होड़ लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक परमाणु अस्त्रों
का अस्तित्व रहेगा तब तक मानवजाति पर ख़तरा बना रहेगा तथा विश्व शांति एक स्वप्न मात्र
रह जायेगा।
संधि के अनुपालन का विश्व के देशों से आग्रह करते हुए महाधर्माध्यक्ष
ने कहा कि निरस्त्रीकरण एवं अस्त्रों के अप्रसार को प्रोत्साहित करने के लिये सभी देशों
द्वारा ठोस, पारदर्शी एवं विश्वसनीय कदम उठाये जाने की नितान्त आवश्यकता है।