संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अमरीका आधारित पेपल फाउंडेशन के लगभग 150 सदस्यों को 2
मई को सम्बोधित किया जो अपने वार्षिक दौरे पर रोम आये हैं। पौलिन वर्ष में सदस्यों का
स्वागत करते हुए संत पापा ने कहा कि प्रेरित संत पौलुस हमें स्मरण कराते हैं कि कैसे
सम्पूर्ण मानवजाति ईश्वर के शांति रूपी वरदान की कामना करती है। वर्तमान विश्व को सचमुच
में उनकी शांति की जरूरत है जब वह युद्ध, विभाजन, गरीबी और निराशा का सामना कर रहा है।
संत पापा ने कहा कुछ दिनों बाद उन्हें पवित्र भूमि का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त
होगा, वे शांति के तीर्थयात्री रूप में जा रहे हैं। हमारे प्रभु येसु के जन्म, मृत्यु
और पुनरूत्थान की भूमि, विश्व के तीन महान एकेश्वरवादी धर्मों का पवित्र स्थल 60 वर्षों
से अधिक समय से हिंसा और अन्याय से पीड़ित रहा है। इस कारण से सामान्यतः अविश्वास, अनिश्चितता
और भय का माहौल रहा है जिसने पड़ोसी को पड़ोसी तथा भाई को भाई के विरूद्ध खड़ा कर दिया
है। संत पापा ने फाउंडेशन के सदस्यों से प्रार्थना में उनके साथ संयुक्त होने का आह्वान
ताकि होली लैंड और पूरे क्षेत्र के सब लोगों के लिए मेलमिलाप, आशा और शांति का वरदान
प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात ऐसे समय में सम्पन्न हो रही है जब सम्पूर्ण
विश्व चिंताजनक आर्थिक संकट के विरूद्ध संघर्ष कर रहा है। ऐसे समय में बेजुबानों को नजरअंदाज
करने और केवल अपनी कठिनाईयों पर ही ध्यान देने का प्रलोभन होता है। ईसाई होने के कारण
सजग हो कि कठिनाई के समय ही और अधिक कार्य करें ताकि प्रभु येसु के सांत्वना दायक संदेश
सुने जायें। आत्मकेन्द्रित होने की अपेक्षा अन्यों, विशेष रूप से जो अनाथ और अकेले हैं
उनके लिए आशा, शक्ति और समर्थन के मशाल बनें। संत पापा ने पेपल फाउंडेशन के सदस्यों
के त्याग और समर्पण के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की जिनके द्वारा पास्काई आनन्द, आशा, मेलमिलाप
और शांति रूपी वरदानों की व्यापक स्तर पर उदघोषणा होती है।