आक्विलाः बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा इटली के भूकम्प पीड़ित क्षेत्रों का दौरा
मध्य इटली के भूकम्प पीड़ितों के प्रति एकात्मता का प्रदर्शन करते हुए मंगलवार को सन्त
पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने आक्विला एवं आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया तथा भूकम्प से
बच निकले लोगों को पुनर्निमाण के लिये आशा एवं सान्तवना प्रदान की।
स्मरण रहे
कि अप्रैल छः को आक्विला एवं आसपास के क्षेत्रों में आये भीषण भूकम्प में 300 से अधिक
लोगों के प्राण चले गये हैं तथा लगभग पचास हज़ार लोग बेघर हो गये हैं।
सन्त पापा
का पहला पड़ाव था ओन्ना जो भूकम्प में लगभग 90 प्रतिशत तबाह हो गया है। ओन्ना की कुल
आबादी 300 में से 40 व्यक्ति भूकम्प में अपनी जानें गँवा चुके हैं। अब ओन्ना में बचे
260 नागरिक अस्थायी शिविरों में शरण ले रहे हैं। इन लोगों के प्रति सहानुभूति का प्रदर्शन
करते हुए सन्त पापा ने कहा कि वे प्रत्येक का आलिंगन करना चाहते हैं। सुनें सन्त पापा
की आवाज़............................
"मैं आप में से प्रत्येक का एक-एक कर आलिंगन
करना चाहता हूँ। यदि ऐसा सम्भव होता मैं अवश्य हर गाँव, हर बस्ती एवं हर शिविर में जाकर
प्रत्येक का आलिंगन करता।" भूकम्प के प्रकोप से बच निकले लोगों को सन्त पापा ने यह कहकर
प्रोत्साहन दिया कि साहस, प्रतिष्ठा एवं विश्वास के साथ इस त्रासदी का सामना करने के
लिये वे उनकी सराहना करते हैं।
भूकम्प में इतने विशाल पैमाने पर इमारतों के
ध्वस्त हो जाने के कारण सरकार ने निर्माण कम्पनियों की ज़िम्मेदारियों पर जाँचपड़ताल
आरम्भ कर दी है।
मंगलवार को सन्त पापा ने इटली की सरकार एवं राहत संगठनों से
अपील की कि भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण योजनाओं को वे सघन बनायें। उन्होंने
कहा कि आक्विला के लोग अपनी भूमि के पुनर्जन्म की बाट जोह रहे हैं जिसे एक बार फिर मज़बूत
एवं रमणीय आवासों तथा गिरजाघरों की भूमि रूप में परिणत करना अनिवार्य है।
रोम
लौटने से पूर्व, आक्विला में सन्त पापा ने 13 वीं शताब्दी के सान्ता मरिया दे कोलेमाज्यो
गिरजाघर की भेंट की जिसकी छत भूकम्प में ध्वस्त हो गयी है किन्तु चमत्कारी ढंग से मरियम
की प्रतिमा को कोई क्षति नहीं पहुँची। यहाँ सन्त पापा ने सभी भूकम्प पीड़ितों के लिये
विशेष प्रार्थना अर्पित की। तदोपरान्त वे आक्विला में उस ध्वस्त छात्रावास की और गये
जिसमें आठ छात्रों की मृत्यु हो गई थी। छात्रों से एक एक कर सन्त पापा ने मुलाकात की
तथा उनमें साहस का संचार किया।