2009-04-28 12:31:43

स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ रविवार 26 अप्रैल को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रोम स्थित संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता कर 5 धन्य आत्माओं को संत घोषित किया। उन्होंने समारोही ख्रीस्तयाग के अंत में स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिये गये संदेश में कहा-

समारोही ख्रीस्तयाग के समापन में मैं आप सबका हार्दिक अभिवादन करता हूँ जो व्यक्तिगत रूप से यहाँ आना चाहते थे ताकि नये संतों के प्रति सम्मान दिखा सकें। सबलोगों के सामने मैं, इटली सरकार के प्रतिनिधियों और अन्य प्रशासनाधिकारियों, विशिष्ट रूप से चार धन्य आत्माओं जिन्हें आज वेदी का सम्मान प्रदान किया गया उनके शहरों से आये नगराध्यक्षों और शहर प्रमुखों के प्रति कृतज्ञता ज्ञाप्ति करता हूँ। मैं आडर आफ माल्टा के प्रतिनिधिमंडल का अभिवादन करता हूँ। महान स्नेह के साथ मैं इटली के विभिन्न प्रांतो से आये असंख्य तीर्थयात्रियों को धन्यवाद देता हूँ। मेरी आशा है कि यह तीर्थयात्रा जो पवित्रता में जीया गया और पौलिन वर्ष की कृपाओं से समर्थन पाकर आप में से प्रत्येक जन को सहायता प्रदान करे ताकि आप बड़ी उत्सुकता से अपने लक्ष्य की ओर दौड़ लगायें और स्वर्ग में वह पुरस्कार प्राप्त करें जिसके लिए ईश्वर ने ईसा मसीह में हमें बुलाया है।

इस संदर्भ में मैं पवित्र हदय के काथलिक विश्वविद्यालय के सम्मिलन समारोह का उल्लेख करना चाहता हूँ जिसका आज समारोह मनाया जा रहा है। इसके संस्थापक फादर अगोस्तीनो जेम्मेली के निधन के 50 वर्षों बाद भी मेरी आशा है कि यह काथलिक विश्वविद्यालय अपने उत्प्रेरणादायी सिद्धान्तों के प्रति निष्ठावान रहेगा ताकि वह युवा पीढ़ी को वैध प्रशिक्षण अर्पित करना जारी रख सके।

तदोपरांत संत पापा ने तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों से कहा यहाँ उपस्थित अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों का मैं हार्दिक अभिवादन करता हूँ विशेष रूप से उनका जिन्होंने आज के नवीन संतों की संत घोषणा समारोह में उपस्थित होने के लिए रोम की यात्रा की है। आप इन संतो की मध्यस्थता द्वारा पुर्नजीवित प्रभु के आनन्द से भर जायें और अपने दैनिक जीवन में साहसपूर्वक उनकी साक्षी दें। मैं आप सब पर, आपके परिजनों और प्रियजनों पर ईश्वर के प्रचुर वरदानों की कामना करता हूँ।

हम अपनी प्रार्थनाओं को कुँवारी माता मरियम को अर्पित करें जिन्होंने पूर्ण रूप से ईश्वर के वचन का अनुसरण किया ताकि ईश्वर का प्रेम उनमें परिपूर्णता तक पहुँचता है। इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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