श्री लंकाः युद्धग्रस्त क्षेत्रों से हज़ारों की संख्या में नागरिकों का पलायन और तमिल
गुरिल्लाओं ने सरकार पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया
श्री लंका में तमिल गुरिल्लाओं और सेना के बीच जारी भीषण संघर्ष के चलते भारी संख्या
में लोग युद्धग्रस्त इलाकों से पलायन कर रहे हैं। राजधानी कोलम्बो स्थित सुरक्षा
मंत्रालय के वकतव्य के अनुसार आम नागरिकों को युद्धग्रस्त क्षेत्रों से दूर सुरक्षित
शिविरों में ले जाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय राहत संस्था रेड क्रॉस भी
समुद्र के रास्ते से आम लोगों को बाहर निकालने का काम कर रही है। संयुक्त राष्ट्र
ने इससे पहले कहा था कि नानथी कडाल एवं पुथुमथालान आदि क्षेत्रों में पिछले कई महीनों
से लगातार बमबारी हो रही है और तमिल विद्रोही लोगों को वहां निकलने से रोक रहे हैं। किन्तु
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यकर्त्ताओं ने बताया कि श्रीलंका में विद्रोहियों
के नियंत्रण वाले क्षेत्र में फँसे 35 हज़ार आम नागरिक बचकर भाग निकले हैं। इस बीच,
तमिल विद्रोही संगठन, एलटीटीई के एक प्रवक्ता ने श्रीलंका सरकार पर मासूम लोगों के नरसंहार
का आरोप लगाया है और कहा है कि सरकार नागरिकों के विरुद्ध बर्बर रवैया अपना रही है। पत्रकारों
से बातचीत में एलटीटीई प्रवक्ता थिलीपन ने कहा कि श्री लंका की सेना की ओर से की गई बमबारी
में एक अस्पताल, एक अनाथालय और कई मकान ध्वस्त हो गए हैं और इन हमलों में बड़ी तादाद
में आम नागरिक मारे गए हैं। इन आरोपों का खंडन करते हुए श्रीलंका सरकार ने अपने
बचाव में कहा है कि सैनिकों ने एलटीटीई के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में उन स्थानों पर
आक्रमण नहीं किया जहाँ आम नागरिक मौजूद थे।