भोदरो टोप्पो की हत्या से हिन्दुओं और ईसाइयों के बीच तनाव
रायपुर 18 अप्रैल, 2009 । जशपुर के तिलिंगा पल्ली के भोदरो टोप्पो की हत्या हिन्दुओं
और ईसाइयों के बीच तनाव का कारण बन गया है।
फादर अगुस्तीन कुजूर ने बताया कि
भोदरो टोप्पो को उसी के संबंधियों ने ज़मीन के बँटवारे के मामले में 12 अप्रैल को हत्या
कर दी थी।
फादर ने बताया कि श्री टोप्पो एक काथलिक था पर बाद में उसने काथलिक
समुदाय से अपने को अगल कर लिया था।
हिन्दुओं ने आरोप लगाया है कि ईसाइयों ने
एक षड्यंत्र के तहत् उसकी हत्या कर दी है। फादर ने आगे बताया कि 13 अप्रैल को हिन्दुओं
ने हिन्दु तरीके से टोप्पो की अंतिम क्रिया कर दी।
अंतिम क्रिया के पहले गाँव
में करीब पाँच हज़ार हिन्दु जमा हो गये एक जुलूस निकाला और उन्होंने ईसाई विरोधी नारे
लगाये।
ज्ञात हो कि 16 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिये छत्तीसगढ़ के 11 क्षेत्रों
के लिये वोट डाले जाने थे।
इस हत्या से पूरे क्षेत्र में अब भी तनाव है। पुलिस
ने हिन्दुओं को स्पष्ट रूप से कहा है कि यह हत्या घरेलु झगड़ा का परिणाम है और इससे धर्म
का कोई वास्ता नही है।
स्थानीय अंग्रजी समाचार पत्र हितावादा ने भी पुलिस अधीक्षक
ए. आर. कोर्रम के बयान को उद्धृत करते हुए कहा है कि इस हत्या में धार्मिक घृणा को कोई
हाथ नहीं है।
जशपुर धर्मप्रांत के फादर एडमोन बारा ने कहा है कि स्थानीय समाचार
पत्रों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बजरंगदल के प्रभाव में आकर इसे हत्या को धार्मिक
रंग देने का प्रयास किया है।
तिलिंगा पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित जोर्ज ख़लख़ो
ने कहा है कि इस हत्या को हिंदु-ईसाई झगड़ा के रूप में प्रचारित करने का काम दिकुओं
का है।