वाटिकन सिटीः सुरंगों एवं क्लस्टर बम पर प्रतिबन्ध हेतु सन्त पापा का आह्वान
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16वें सम्पूर्ण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील कर रहे हैं कि वह
मानव विरोधी सुरंगों एवं क्लस्टर अर्थात गुच्छेदार बमों पर प्रतिबंध लगाये।
रविवार
को, सन्त पेत्रुस महामन्दिर के प्राँगण में देवदूत प्रार्थना से पूर्व, संयुक्त राष्ट्र
संघ द्वारा चार अप्रैल के लिये घोषित "सुरंग जागरूकता अन्तरराष्ट्रीय दिवस" के उपलक्ष्य
में सन्त पापा ने उक्त अपील जारी की।
सन्त पापा ने कहा कि पहली मार्च सन् 1999
से प्रभावी मानव विरोधी सुरंगों पर प्रतिबन्ध सम्बन्धी संधि के दस वर्ष बाद इस जागरूकता
दिवस का महत्व और अधिक बढ़ गया है। क्लस्टर अर्थात गुच्छेदार बमों पर प्रतिबंध लगाने
वाली संधि पर ओस्लो में 3 दिसम्बर, 2008 को हस्ताक्षर किये गये थे।
उन्होंने
कहाः जिन देशों ने अब भी इन संधियों पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं उन्हें मैं प्रोत्साहित
करना चाहूँगा कि वे अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी विधान के इन महत्वपूर्ण उपकरणों पर बिना
विलम्ब हस्ताक्षर कर दें जिनका परमधर्मपीठ ने सदैव समर्थन किया है।"
"इसके अलावा,
इन विनाशकारी हथियारों से पीड़ित लोगों को ज़रूरी सहायता की गारंटी देने के लिये जो भी
उपाय किये जायें उनका मैं पूर्ण समर्थन करता हूँ।"
अब तक,156 देशों, अर्थात्
विश्व के 80%, देशों ने ओटावा संधि को अनुसमर्थन प्रदान किया है। 39 देशों ने औपचारिक
रूप से संधि का अनुपालन नहीं किया है क्योंकि ये इन हथियारों के बहिष्कार पर सहमत नहीं
हैं। इन देशों में चीन, रूस एवं संयुक्त राज्य अमेरिका सम्मिलित हैं।
क्लस्टर
बम अर्थात् गुच्छेदार बम बोस्निया, इराक, सर्बिया, कोसोवो और लेबनान सहित विश्व के कम
से कम 21 देशों में उपयोग में लाये जा चुके हैं। ये ऐसे विनाशक उपकरण हैं जिनमें छोटे
छोटे अनेक बम गुच्छों में रखे जाते हैं। प्रायः जमीन से टकराने के बाद भी इनका तुरन्त
विस्फोट नहीं होता बल्कि बाद में विस्फोट के कारण ये नागरिकों पर प्रहार करते हैं।
ओस्लो
सम्मेलन में जिन देशों ने भाग लिया था उनमें केवल तीन देश ऐसे हैं जिन्होंने क्लस्टर
बम सम्बन्धी संधि पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। ये देश हैं जापान, रोमानिया और पोलैंड
जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन इस सम्मेलन में अनुपस्थित रहे थे।