2009-04-06 16:36:48

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, रविवार 5 अप्रैल को रोम स्थित संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों युवाओं और पर्यटकों के लिए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने खजूर रविवार के अवसर पर समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता की। उन्होंने ख्रीस्तयाग समारोह के अंत में देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिये गये संदेश में कहा-

कल 4 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र संघ के मानव विरोधी बारूदी सुरंगों के प्रति जागरूकता का 4 था अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया। इन शस्त्रों पर प्रतिबंध लगाने के लिए 10 वर्षों पूर्व की गयी संधि अब प्रभावी हुई है और कलस्टर बमों को प्रतिबंधित करने की संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए इसे हाल ही में प्रस्तुत किया गया है। मैं उन देशों को प्रोत्साहन देता हूँ जिन्होंने अभी तक इसपर हस्ताक्षर नहीं किया है कि वे अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून के महत्वपूर्ण साधन पर बिना देरी हस्ताक्षर करें जिसका परमधर्मपीठ ने हमेशा समर्थन किया है। मैं इन विनाशकारी हथियारों के शिकार हुए लोगों को आवश्यक सहायता पहुँचाने की गारंटी प्रदान करने की मंशा रखनेवाले किसी भी उपाय का समर्थन करता हूँ।

इसके साथ ही मैं गहन दुःख के साथ अफ्रीका के हमारे भाई बहनों का स्मरण करना चाहता हूँ जिनकी कुछ दिनों पूर्व भूमध्यसागर में मृत्यु हो गयी जब वे यूरोप में आश्रय पाने का प्रयास कर रहे थे। दुर्भाग्य से इस प्रकार की त्रासदियाँ और घटनाएँ बारम्बार होती रही हैं। इस प्रकार की घटनाओं के पहलू यूरोपीय संघ और अफ्रीकी देशों के मध्य समन्वित रणनीतियाँ बनाने की और अधिक जरूरत को रेखांकित करती हैं साथ ही पर्याप्त मानवतावादी उपायों को अपनाया जाये ताकि अप्रवासी मानव तस्करों के हाथों में नहीं पड़ें। मैं दुर्घटना के शिकार हुए लोगों के लिए प्रार्थना अर्पित करता हूँ कि ईश्वर उन्हें अनन्त शांति प्रदान करें मैं यह भी कहना चाहता हूँ कि समस्या जो कि वैश्विक संकट के कारण और अधिक गंभीर हो गयी है इसका समाधान तब पाया जा सकेगा जब अफ्रीका की आबादी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहायता के द्वारा स्वयं को पीड़ा और युद्धों से मुक्त करने में समर्थ होगी।

अब मैं 150 प्रतिनिधियों- धर्माध्यक्षों, पुरोहितों और लोकधर्मियों का विशेष अभिवादन करता हूँ जिन्होंने विश्व युवा दिवस पर लोकधर्मियों संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के तत्वाधान में हाल में ही आयोजित अंतरराष्ट्रीय बैठक में भाग लिया। इस प्रकार से युवाओं के आगामी विश्व सम्मिलन के लिए तैयारी की यात्रा आरम्भ होती है जो अंगस्त 2011 में मैड्रिड में सम्पन्न होगी। मैंने इसके शीर्ष वाक्य को इंगित किया है जो कलोसियों के नाम संत पौलुस के पत्र से लिया गया है- ईसा मसीह में आपकी जड़े गहरी हों और नींव सुदृढ़ हो। आपको जिस विश्वास की शिक्षा प्राप्त हुई है उसी में दृढ़ रहें। आस्ट्रेलिया के युवा स्पेन के युवाओं को विश्व युवा दिवस का क्रूस सौपेंगे, तीर्थयात्री क्रूस जो संसार के सब युवाओं के लिए ख्रीस्त का संदेश लाता है। साक्ष्य को आगे बढ़ाना इसका उच्च सांकेतिक मूल्य है जिसके द्वारा हम सिडनी की महान सभा में मिले वरदानों तथा मैड्रिड की बैठक में हम कृपा ग्रहण करेंगे इनके लिए ईश्वर को गहराई से धन्यवाद देते हैं। क्रूस कुँवारी माता मरियम की तस्वीर के साथ ही कल स्प्न की राजधानी के लिए रवाना किया जायेगा और इसे वहाँ गुड फ्राइडे के प्रोसेशन में रखा जायेगा। इसके बाद स्पेन के विभिन्न धर्मप्रांतों में लम्बी तीर्थयात्रा का आयोजन किया जायेगा जिसका समापन मैड्रिड में सन 2011 के ग्रीष्मकाल में होगा। मेरी कामना है कि यह क्रूस और मरियम की तस्वीर सबलोगों के लिए येसु ख्रीस्त के अविजित प्रेम तथा उनके और उनकी माता का चिह्न बने।

मैड्रिड के युवाओं को क्रूस और माता मरियम की तस्वीर सौंपे जाने के बाद संत पापा ने कहा कि अब हम विश्वासपूर्वक माता मरियम की ओर अभिमुख होते हैं ताकि वे सदैव युवाओं पर दृष्टि फेरें और पवित्र सप्ताह को अच्छी तरह जीने के लिए हमारी सहायता करें।

इतना कहकर संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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