मानवाधिकार के लिए कार्यकरनेवाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल के वार्षिक सर्वेक्षण से
मालूम होता है कि वर्ष 2008 में कुल 2390 को मौत की सज़ा दी गयी। चीन में सबसे अधिक 1718
लोगों को मौत की सज़ा दी गयी लेकिन चीनी सरकार ने मृत्युदंड का कोई आँकड़ा नहीं जारी
किया है। मौत की सज़ा देने के 93 प्रतिशत मामलों में चीन सहित ईरान,सऊदी अरब, अमरीका
और पाकिस्तान हैं। बीबीसी समाचार सेवा के अनुसार एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि अब
केवल 59 देशों में इस सज़ा का प्रावधान है और इसका अर्थ है कि कम ही देश इसका उपयोग कर
रहे हैं। संस्था की महासचिव आइरीन खान का कहना है कि सन 2008 में मौत की सज़ा की संख्या
में वृद्धि हुई है तथापि आशावादी होने के कारण विद्यमान हैं।