अंगोला, 21 मार्च, 2009 । राष्ट्रपति महोदय, धर्माध्यक्षो, भाइयो-बहनों, देवियो एवं
सज्जनों, आपके स्वागत के लिये मैं आपको धन्यवाद देता हूँ माननीय राष्ट्रपति के उस आमंत्रण
के लिये मैं अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूँ जिसमें उन्होंने मुझे संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी
के रूप में संबोधित करने का सुवासर दिया है।
मैं आप सबों के राष्ट्र सेवा की
भावना की सराहना करता हूँ। मित्रो 27 साल के गृह-युद्ध के बाद आप लोगों के अथक प्रयास
से अंगोला में शांति और स्थायित्व के आसार स्पष्ट दिखाई पड़ने लगे हैं।
सरकार
के इस प्रयास की तारीफ़ की जानी चाहिये कि उन्होंने राष्ट्र के नवनिर्माण के लिये विकास
की मूलभूत संरचनाओं को स्थापित कर लोगों में एक नयी उर्जा और आशा का संचार किया हैं।
मैं यहाँ के उन सब अधिकारियों, शिक्षकों, डॉक्टरों, स्वयंसेवकों और आम लोगों
के मेहनत की प्रशंसा करता हूँ जिन्होंने ईमानदारी से राष्ट्र निर्माण में अपने को समर्पित
किया है।
मित्रों, अंगोला के नागरिकों को यह मालूम हो कि अफ्रीका महादेश एक '
आशा का महादेश ' बन गया है।
मेरा विश्वास है कि आनेवाले दिनों में अंगोलावासियों
के अनवरत् प्रयास और समर्पण से एक नये अफ्रीका का निर्माण होगा। एक ऐसा अफ्रीका जहाँ
लोग एक-दूसरे की स्वतंत्रता का सम्मान करेंगे, मानव अधिकारों की रक्षा की जायेगी, न्यायपालिका
स्वतंत्र होगी, प्रेस स्वतंत्र रूप से कार्य कर पायेगा और सत्ता में आसीन होने वाले पूरी
पारदर्शिता से लोगों की सेवा करेंगे और भ्रष्टाचार मुक्त शासन-व्यवस्था की नींव को मज़बूत
कर पायेंगे।
आपलोगों को मैं उस बात की याद दिलाना चाहता हूँ जिसे में विश्व शांति
दिवस के दिन बताया था कि आज दुनिया को ज़रूरत है न केवल योजनाओं की पर ह्रदयपरिवर्तन
करने की और ईमानदारी पूर्वक लोगों के हित में कार्य करने की। आज इस महादेश के लोग पुकार-पुकार
कर कह रहे हैं कि सरकार उनका और उनके समुदायों और परिवारों का साथ दे।
आज अफ्रीका
महादेश के लोगों को सिर्फ़ यह नहीं सोचना है कि वह कैसे दूसरों के द्वारा प्रस्तावित
योजनाओं से अपनी समस्या का समाधान करे पर उन्हें सोचना है कि कैसे वे खुद ही अपने लोगों
के सहयोग से देश का समग्र विकास करे।
इस संबंध में मैं अफ्रीका के उन पहलों की
तारीफ़ करता हूँ जिसे यहाँ के नागरिकों ने अपने कंधों पर लिया है और उसे सफल बनाने के
अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
विकास योजनाओं में ' नेपाड, ' ' द पैक्ट
सेक्यूरिटी स्टेबिलिटी एंड डेभेलोपमेंन्ट इन द ग्रेट लेक रीजन्स ' और ' किम्बरले प्रोसेस
' आदि मह्त्त्वपूर्ण हैं। मुझे खुशी है कि इन योजनाओं का आधार है प्रशासन में पारदर्शिता
और ईमानदारी।
मित्रों, मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि मैं कैमेरून और अंगोला
आकर यहाँ के पारिवारिक जीवन से बहुत प्रभावित हुआ हूँ। मैं विश्व के लोगों को यह बताना
चाहता हूँ कि वे अफ्रीकी भाई-बहनों से यह सीख सीखें कि किस प्रकार पारिवारिक जीवन से
सामाजिक जीवन को मजबूत किया जा सकता है।
फिर भी अफ्रीका के परिवारों के सामने
ग़रीबी, भूखमरी, बेरोज़गारी, पलायन, विस्थापन और बीमारियों से बचाये जाने की बड़ी चुनौती
है। यहाँ मैं इस बात की ओर भी आपका ध्यान खींचना चाहता हूँ कि यहाँ के नारियों और महिलाओं
के साथ हो रहे यौन शोषण और भेद-भाव से बचाये जाने की आवश्यकता है।
आज विचार करने
की बात यह कि महिलाओं के स्वास्थ्य-सुरक्षा के नाम पर जो गर्भपात को बढ़ावा दिया दिया
जाना, महिलाओं और मानव के भविष्य के लिये क्या सही मायने में हितकारी है।
मित्रो,
आज मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि कलीसिया जो ईश्वर की इच्छा से संस्थापित है सदा ही
कमजोर और ज़रूरतमंदों के मदद के लिये तत्पर है। आज मैं अफ्रीका की कलीसिया को यह वचन
देता हूँ कि चर्च यहाँ के लोगों के लिये स्थानीय धर्मप्रांतों की पहल पर शिक्षा, स्वास्थ्य,
समाज सेवा और विकास के विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा मदद करती रहेगी।
एड़स्
से पीडितों की सेवा महिला कल्याण कार्यक्रमों और परिवारों को मज़बूत करने के विभिन्न
कार्यक्रमों के द्वारा कलीसिया मानव मूल्यों की रक्षा और इसे सुदृढ़ करने के प्रयास जारी
रखेगी।
ईसाइयों का जीवन सदा प्रभु की ओर वापस लौटने का जीवन है। मैं आप सबों
को आमंत्रित करता हूँ आप प्रभु की ओर लौटें ताकि सत्य, ईमानदारी, सम्मान और आपसी सहयोग
से एक नये अफ्रीका का निर्माण हो सके।
मैं पुनः आपके स्नेह और स्वागत के लिये
धन्यवाद देते हुए अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन देता हूँ ईश्वर आपके परिवार को महिलाओं
और यहाँ के बच्चों को अपना आशीर्वाद प्रदान करे।