अंगोला के स्वागत समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश
अंगोला 20 मार्च, 2009 ।राष्ट्रपति महोदय, नागरिक एवं सैन्य अधिकारियो, धर्माध्यक्षों
और अंगोला के भाइयों एवं बहनो मुझे प्रसन्नता है कि मैंने आज अंगोला की धरती पर अपने
कदम रखें हैं।
आपके निमंत्रण, स्वागत और आतिथ्य-सत्कार के लिये आप सबों का धन्यवाद।
आज मैं संत पापा जोन पौल द्वितीय की उस प्रेरितिक यात्रा को कैसे याद न करूँ
जब वे सन् 1982 में यहाँ आये थे और उन्होंने इस बात की प्रेरणा दी थी कि आप सदा न्याय,
मेल-मिलाप और शांतिपूर्ण समाज के निर्माण में अपना योगदान देते रहें।
मैंने युद्ध
और हिंसा का व्यक्तिगत अनुभव किया और इसकी भयंकरता को देखा है इसलिये आज मैं आपको यह
बताना चाहता हूँ कि वार्ता के द्वारा ही हर प्रकार के संकटों एवं समस्याओं का समाधान
खोजें।
आज अंगोला के निवासियों को यह बताना चाहता हूँ कि अंगोला को जो ऐतिहासिक
और सांस्कृतिक धरोहर मिली है वह इसकी प्रगति के लिये अति महत्वपूर्ण है।
आप इन
मूल्यों का उपयोग करते हुए एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण के लिये कार्य करें जिसका आधार
हो समानता, विश्वसनीयता और शांतिपूर्ण सहयोग।
ईश्वर चाहते है कि हम प्रगति के
दिशा में उँची छलाँग लगायें पर इसके दो पंख हो विश्वास और विवेक।
आज ज़रूरत है
इस बात को देखने की कि अंगोला की प्रगति में हर व्यक्ति की भागीदारी हो, कमजोर वर्ग के
लोगों के लिये विशेष कदम उठाये जायें और सबके हित के लिये कार्य किये जायें।
आज
मैं चाहता हूँ कि जीवित येसु अँगोला के सब लोगों के विश्वास को मजबूत करे, प्रेम न्याय
और सहयोग की भावना बढ़े और अंगोलावासी सदा ही ईश्वरीय अनुग्रह अनुभव करते रहें।