पुर्तगाल का उपनिवेश देश अँगोला को 11 नवम्बर सन् 1975 में स्वतंत्रता हासिल हुई और तब
से ही अँगोला के विभिन्न दलों के बीच सत्ता के लिये संघर्ष शुरु हो गया। मार्क्सवादी
विचारधारा वाले तथा पश्चिमी राष्ट्रों का समर्थन पाने वाले राजनैतिक दलों के बीच सन्
1975 से लेकर सन् 2002 तक गृहयुद्ध चलता रहा जिसने अँगोला के प्राकृतिक संसाधनों को अपार
क्षति पहुँचाई है तथा देश को निर्धनता का कगार पर खड़ा कर दिया है जहाँ के नागरिक खाद्य
एवं चिकित्सा जैसी प्राथमिक चीज़ों के अभाव से ग्रस्त है। देश में हीरा, लोहा तथा पेट्रोल
जैसे खनिजों की कमी नहीं है किन्तु इसका दुरुपयोग कुछ भ्रष्ट नेताओं द्वारा शस्त्रों
की ख़रीदी आदि के लिये ही किया जा रहा है।
उत्तर में कान्गो गणतंत्र, पूर्व में
ज़ाम्बिया, दक्षिण में नमिबिया तथा पश्चिम में अँगोला की सीमाएँ अटलांटिक सागर से लगी
हैं। अँगोला की कुल आबादी एक करोड़, 54 लाख 73 हज़ार है जिनमें 55.6 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी
हैं। 14 प्रतिशत जनता प्रॉटेस्टेण्ट धर्मानुयायी एवं 4.3 प्रतिशत अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों
के लोग हैं। तीस प्रतिशत जनता ग़ैरख्रीस्तीय है जिनमें मुसलमान तथा परम्परावादी धर्मों
के अनुयायी हैं। अँगोला की आधिकारिक भाषा पुर्तगाली है किन्तु देश में बँटु एवं खोईसान
स्थानीय भाषाएँ भी बोली जाती हैं।
कैमरून से लगभग सवा दो घण्टों की विमान यात्रा
पूरी कर सन्त पापा अँगोला की राजधानी लुआण्डा पहुँचे जहाँ अंगोला में कार्यरत परमधर्मपीठीय
राजदूत जोवानी आन्जेलो बेचु तथा नयाचार के अध्यक्ष ने विमान पर जाकर उनका अभिवादन किया।
अँगोला के राष्ट्रपति होसे एदवारदो दोस सान्तोस, उनकी धर्मपत्नी तथा वरिष्ठ सरकारी एवं
कलीसियाई अधिकारियों ने विमान की सीढ़ी से उतरते सन्त पापा का हार्दिक स्वागत किया। वाटिकन
एवं अँगोला के राष्ट्रीय गीतों की ध्वनियाँ बजाई गई तथा सैन्य सलामी सहित सम्मानपूर्वक
कलीसिया के परमाध्यक्ष का देश में स्वागत किया गया। राष्ट्रपति दोस सान्तोस ने सन्त पापा
के आदर में अभिवादन पत्र पढ़ा तथा अँगोला आने के लिये उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
अँगोला में दिये अपने प्रथम प्रभाषण में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा...........................................
Pope’s discourse no.9