सन्त पापा के अनुसार विश्वव्यापी आर्थिक संकट आर्थिक ढाँचों में नैतिकता के अभाव का परिणाम
विश्वव्यापी आर्थिक संकट पर मंगलवार को प्रेस से बातचीत के दौरान सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें ने कहा कि विश्वव्यापी आर्थिक संकट आर्थिक ढाँचों में नैतिकता के अभाव का परिणाम
है।
सन्त पापा ने कहाः "नैतिकता वह तत्व है जिसे आर्थिक निकाय के भीतर होना चाहिये
बाहर नहीं। अर्थव्यवस्था तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक उसमें नैतिकता का पुट न हो।"
इसी
सन्दर्भ में अपनी यात्रा से पूर्व रविवार को रोम में सन्त पापा ने कहा था कि अफ्रीका
की यात्रा पर जाते उनके विचार भुखमरी, रोगों, अन्याय एवं भ्रातृहत्या से पीड़ित लोगों
पर केन्द्रित हैं। उनका कहना था कि कलीसिया आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक लक्ष्यों का
पीछा नहीं करती बल्कि इस बात के प्रति निश्चित्त रहते हुए कि सुसमाचार में सभी के हृदयों
को छू लेने तथा उन्हें रूपान्तरित करने की शक्ति है, ख्रीस्त की उदघोषणा करती है।
सन्त
पापा बेनेडिक्ट 16 वें ऐसे समय में अफ्रीका की यात्रा कर रहे हैं जब विश्व के विकसित
एवं धना राष्ट्र नित्य बिगड़ते आर्थिक संकट से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में ये
आशंकाएँ उत्पन्न हो गई हैं कि आर्थिक संकट की वजह से कहीं धनी देश अफ्रीका के निर्धन
राष्ट्रों को न भुला दें। कैमरून की राजधानी याऊन्दे के अर्थशास्त्री एरिक आमबोनो ने
रायटर समाार से कहा कि कैमरून और सामान्य तौर पर अफ्रीका सन्त पापा को अन्तरराष्ट्रीय
मंच पर महाद्वीप के प्रकरण को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान कर सकता है।