70 धर्माध्यक्षों ने संत पापा के पत्र का समर्थन किया
वाटिकन सिटी, 15 मार्च, 2009 । सामाजिक संप्रेषण के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के द्वारा
आयोजित सेमिनार के 70 धर्माध्यक्षों ने संत पापा के द्वारा लेफेबरे के धर्माध्यक्षो को
गुरुवार को प्रेषित पत्र का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वे संत पापा के प्रति वफ़ादार
बने रहेंगे।
समिति के अध्यक्ष महाधर्मध्यक्ष क्लाउडियो मारियो चेली ने शुक्रवार
को समिति की ओर से लिखे एक पत्र को कार्डिनल तारचिसियों बेरतोने के सुपूर्द किया।
इस
पत्र के द्वारा उन्होंने बताया कि संत पापा को कई लोगों ने इस बात के लिये प्रश्न किया
था कि उन्होंने क्यों बहिष्कृत धर्माध्यक्षों को कलीसिया में स्वीकार किया।
ज्ञात
हो कि संत पापा ने एक अधिसूचना जारी करके इस लेफेबरे के बहिष्कृत चार धर्माध्यक्षों पर
लगे प्रतिबंध को हटा दिया था।
बहिष्कृत धर्माध्यक्षों में से एक ने स्वीस टेलेविज़ने
को नवम्बर माह में दिये गये साक्षात्कार में यह कहा था कि ऐतिहासिक तथ्य यह बताते हैं
कि यहूदियों को ' नाज़ी कोनसेन्ट्रेशन कैम्प ' में गैस से मारे जाने की बात सत्य नहीं
हैं।
धर्माध्यक्ष रिचर्ड विलियम्सन के इस बयान के कारण वाटिकन और यहूदी नेताओं
के रिश्तों में तीख़ापन आ गया था।
संत पापा ने शांति और मेल-मिलाप का साक्ष्य
देते हुए धर्माध्यक्षों पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था।
उधर 70 धर्माध्यक्षों
के पत्र को पाकर कार्डिनल बेरतोने ने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि संत पापा को ऐसे
समय में अपने सहयोगियों के समर्थन से उन्हें कलीसिया के मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिली
है।
ज्ञात हो कि वाटिकन की द्वितीय महासभा के बाद मीडिया से जुड़े धर्माध्यक्षों
की यह सबसे बड़ी सभा थी जो पाँच दिनों तक चली और जिसका समापन 13 मार्च को हो गया।