संत पौल की जीवनी पर आधारित मंचित नाटक से विश्वास मजबूत
मंगलोर, 13 मार्च, 2009। मंगलोर के काथलिकों ने कहा है कि संत पौल की जीवनी पर आधारित
मंचित नाटक ने ईसाई विरोधियों को समझने और उन्हें क्षमा देना की शक्ति प्रदान की है।
ज्ञात हो हो कि चालीसेकाल को अर्थपूर्ण बनाने के लिये मंगलोर के संत अन्ना पल्ली
में संत पौल के जीवन पर आधारित एक नाटक का मंचन किया जिसे करीब 5 हज़ार लोगों ने देखा।
इस नाटक में इस बात को दिखाया गया है कि किस तरह से ईसाइयों को सताने वाला साउल अपने
मनपरिवर्तन के बाद पौल बन गया और सुसमाचार प्रचार के लिये पूरे उत्साह से कार्य किया।
इस अवसर पर उपस्थित मंगलोर के धर्माध्यक्ष अलोइसियुस पौल डीसूजा ने कहा कि संत पौल
के जीवन पर आधारित नाटक से लोगों का मन परिवर्तन होगा और उनका विश्वास सुदृढ़ होगा। धर्माध्यक्ष
ने आशा व्यक्त की है कि इससे लोग सुसमाचार के प्रचार करने की भी प्रेरणा पायेंगे और येसु
के लिये किसी भी तकलीफ़ को उठाने के लिये वे तैयार हो पायेंगे। नाटक के प्रभाव के
बारे में बोलते हुए सेलिन रोडरिग्वेज़ ने कहा कि संत पौल उन्हें आमंत्रित कर रहें हैं
ताकि उन्हीं की तरह वे सुसमाचार प्रचार के लिये अपने आप को समर्पित करें। उन्होंने
यह भी आशा जतायी है कि जो ईसाइयों को सताते हैं वे भी एक दिन संत पौल के समान ईश्वर
की शक्ति का अनुभव करेंगे और येसु के लिये कार्य करेंगं। संत पौल के जीवन में आधारित
नाटक को 54 वर्षीय फादर मार्क कास्तेलिनो ने लिका है। उनका मानना है कि हाल में ईसाइयों
पर हुए हमलों के संदर्भ के कारण नाटक बहुत ही प्रासांगिक है। ज्ञात हो कि इस वर्ष
पूरी काथलिक कलीसिया संत पौल के जन्म की 2 हज़ारवीं वर्षगाँठ मना रही है और संत पापा
ने इसे विशेष जुबिली वर्ष घोषित किया है। इस नाटक के आयोजक फादर अल्फ्रेड बेन्निस
ने कहा है कि यह नाटक लक्ष्य आध्यात्मिक नवीनीकरण है न कि मात्र एक सांस्कृतिक कार्यक्रम
और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे लोगों को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होगी।