वाटिकन सिटीः वाटिकन ने स्टेम सेल शोध पर अमरीका के निर्णय की निन्दा की
वाटिकन में जैवनैतिकी के वरिष्ठ अधिकारी महाधर्माध्यक्ष रीनो फीसीकेल्ला ने स्टेम सेल
शोध पर अमरीका के निर्णय की निन्दा की है। ग़ौरतलब है कि सोमवार को अमरीकी राष्ट्रपति
बराक ओबामा ने स्टेम सेल शोध के लिए पुनः सरकारी मदद देने का आदेश जारी कर स्टेम सेल
सम्बन्धी वैज्ञानिक अनुसंधानों को दी जानेवाली वित्तीय मदद पर लगे आठ वर्ष पुराने प्रतिबंध
का अंत कर दिया। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने धार्मिक संगठनों की माँग पर यह प्रतिबन्ध
लगाया था। धार्मिक संगठनों की दलील है कि उक्त अनुसन्धान में मानव भ्रूणों का दुरुपयोग
किया जाता है जो नैतिकता के ख़िलाफ़ है। जीवन सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष
महाधर्माध्यक्ष फीसीकेल्ला ने मंगलवार को अमरीका के निर्णय की निन्दा करते हुए कहा कि
अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा का आदेश नैतिकता पर राजनीति की विजय है। उन्होंने कहा कि अमरीकी
प्रशासन ड्रग कम्पनियों के लाभ की बात सोच रहा है। इटली के आन्सा समाचार से उन्होंने
कहा कि सम्भवतः कुछेक ड़्रग कम्पनियों की आर्थिक अभिरुचि ने अमरीकी प्रशासन के निर्णय
को प्रभावित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्टेम सेल को विकसित कर मानव अंग
के ऊतकों जैसे हड्डियों, मांसपेशियों या मस्तिष्क की कोशिकाओं में परिवर्तन किया जा सकता
है। उनका दावा है कि यह शोध पार्किंसन्स, एल्ज़ाइमर और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों के उपचार
में कारगर साबित हो सकता है। काथलिक कलीसिया एवं जीवन समर्थक संगठन इसका विरोध इसलिये
कर रहे हैं क्योंकि इस शोध के लिये हज़ारों मानव भ्रूणों को नष्ट किया जाता है। स्मरण
रहे कि काथलिक कलीसिया गर्भ के आरम्भिक क्षण से लेकर मृत्यु तक जीवन की रक्षा का पाठ
सिखाती है।