रोमः "नई चुनौतियों का सामना करने हेतु अपनी ख्रीस्तीय जड़ों तक पहुँचना ज़रूरी" सन्त
पापा बेनेडिक्ट 16 वें
रोम के नागर प्रशासन के मुख्यालय काम्पीदोलियो की भेंट के समय प्रशासनाधिकारियों को सम्बोधित
करते हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि नई चुनौतियों का सामना करने के लिये रोम
को अपनी ख्रीस्तीय जड़ों तक पहुँचना होगा।
रोम के नगराध्यक्ष जान्नी आल्लेमानो
ने सोमवार को कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का स्वागत किया। प्रशासन
मुख्यालय में रोम के अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा ने मानव के अनन्त मूल्यों
की खोज पर बल देते हुए कहाः "आधुनिकोत्तर युग में यदि रोम मानव को उसकी पूर्ण मर्यादा
के साथ मान्यता देनेवाले नवीन मानवतावाद का समर्थक बनना चाहता है तो उसे अपनी आत्मा की
गहराई तक पहुँचकर अपनी नागरिक एवं ख्रीस्तीय जड़ों की पुनर्खोज करनी होगी।"
सन्त
पापा ने कहा कि हिंसा की घटनाएं, जिनकी सब निन्दा करते हैं, समाज में व्याप्त गहन अशान्ति
को दर्शाती हैं; ये उस यथार्थ आध्यात्मिक निर्धनता की संकेत हैं जो वर्तमानकालीन मानव
मन पर हावी है। उन्होंने कहा कि मानवीय सुख को उपलब्ध करने के लिये ईश्वर एवं उनके विधान
के उन्मूलन ने, वास्तव में, अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया है। इसके विपरीत, इसने
मनुष्य को, उसकी दैनिक चुनौतियों का सामना करने के लिये आवश्यक, आध्यात्मिक निश्चित्तताओं
एवं आशा से वंचित कर दिया है।
दुर्बल होते उन मानवीय एवं आध्यात्मिक आदर्शों
की पृष्टभूमि में, जिन्होंने रोम को किसी समय सम्पूर्ण विश्व की सभ्यता का आदर्श घोषित
किया था, सन्त पापा ने पल्लियों एवं शिक्षा संस्थाओं के माध्यम से कलीसिया के साथ सहयोग
का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहाः "ख्रीस्तीय धर्म मानव सत्य विषयक ज्योतिर्मय सन्देश का
वाहक है तथा कलीसिया इस सन्देश की रक्षक होने के नाते सामयिक संस्कृति के प्रति अपनी
ज़िम्मेदारियों को जानती है।