न्यू यॉर्कः वाटिकन ने परिवारों में रोगियों की देखरेख करनेवालों को प्रशिक्षण दिये जाने
पर बल दिया
न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय मुख्यालय में सोमवार को सदस्य राष्ट्र के प्रतिनिधियों
को सम्बोधित करते हुए वाटिकन के प्रतिनिधि तथा संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के
स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तीनो मिलियोरो ने परिवारों में रोगियों की देखरेख
करनेवालों को प्रशिक्षण दिये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग घरों में रोगियों
की देखरेख करते हैं उन्हें प्रशिक्षण, एवं आर्थिक समर्थन दिया जाना अनिवार्य है।
संयुक्त
राष्ट्र संघ की आर्थिक एवं सामाजिक समिति की बैठक में पुरुष एवं स्त्रियों के बीच समान
ज़िम्मेदारियों तथा एच.आई.वी एवं एड्स के रोगियों की देखरेख करनेवालों पर चर्चा हुई।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि समुदाय आधारित देखरेख तथा एच.आई.वी एवं एड्स के रोगियों
को विश्वव्यापी समर्थन मिलना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जब समुदाय के अनेक सदस्य देखरेख
में संलग्न होते हैं तब इस रोग से संलग्न पूर्वधारणाओं को मिटाने में मदद मिलती है। तथापि,
महाधर्माध्यक्ष ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि घरों में रोगियों की देखरेख करनेवालों
को पर्याप्त मान्यता नहीं दी गई है तथा ये कार्यकर्ता अनेक गम्भीर आर्थिक कठिनाईयों का
सामना कर रहे हैं।
महाधर्माध्यक्ष के अनुसार एच.आई.वी एवं एड्स निवारण एवं उपचार
के लिये बड़ी बड़ी स्वास्थ्य संस्थाओं एवं अनुसन्धान केन्द्रों को भारी रकमें दी जाती
हैं जबकि घरों में एड्स रोगियों की देखरेख करनेवालों को अनदेखा कर दिया जाता है तथा उन्हें
किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जाती। घरों में रोगियों की देखरेख करनेवालों, विशेष रूप
से, महिला कार्यकर्त्ताओं को प्रशिक्षण एवं आर्थिक मदद दिये जाने की महाधर्माध्यक्ष मिलियोरे
ने मांग की।
उन आप्रवासियों के प्रति भी विशेष ध्यान देने का महाधर्माध्यक्ष
ने आग्रह किया जो कठिन श्रम स्थितियों में घरेलु नौकर हैं तथा रोगियों एवं वृद्धों की
देखरेख कर रहे हैं।