2009-03-07 12:43:28

भारतीय कलीसिया में महिलोओं की भागीदारी बढ़ेगी - जेकब चिनम्मा


नयी दिल्ली, 6 मार्च, 2009 । महिलाओं के लिये बनी आयोग की सचिव सलेसियन सिस्टर लिली फ्रांसिस ने कहा है कि भारतीय कलीसिया में महिलाओं ने अपनी भागीदारी बढ़ायी है।
उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी है कि सीबीसीआई की मैसूर में आयोजित 28वीं महासभा में लैटिन राइट के 160 धर्माध्यक्षों ने इस बात पर बल दिया है कलीसिया और समाज में महिलाओं का सशक्तिकरण होना अति आवश्यक है।
सीबीसीआई के द्वारा सम्पादित एक सर्वे के अनुसार यह पाया गया था कि कलीसिया के निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी नहीं के बराबर रही थी।
सर्वे ने इस बात को भी इंगित किया था कि चर्च और समाज के सामजस्यपूर्ण विकास के लिये यह आवश्यक है कि महिलाओं की भागीदारी सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक मामलों के सुनिश्चित किया जाये।
सिस्टर लिली ने इस बात के लिये संतुष्टि व्यक्त की है कि पूरे भारत के 12 क्षेत्रों ने इस बात पर विचार किया है और महिलाओं की सहभागिता के लिये कुछ ठोस और व्यावहारिक सुझाव दिये हैं।
सिस्टर ने बताया कि विभिन्न धर्मप्रांतों से प्राप्त रिपोर्टों को धर्माध्यक्षों को भेज दिया जायेगा और अप्रील महिने में इसके अंतिम रूप पर विचार किया जायेगा। सिस्टर का मानना है कि कलीसिया की भागीदारी के मामले में यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा।
सिस्टर लिली ने यह भी जानकारी दी है कि केरल के इड्डूकी धर्मप्रांत ने पहले ही एक महिला को अपने आर्थिक मामलों की समिति में शामिल कर लिया है। नागपुर धर्मप्रांत में भी धर्मप्रांत के समाज सेवा केन्द्र में एक धर्मबहन की नियुक्ति की जा चुकी है।


इसके साथ ही युवाओं और मीडिया के लिये बनी आयोग के लिये भी सीबीसीआई ने कुछ धर्मबहनों को नियुक्त कर लिया है।
कौंसिल ऑफ कैथोलिक वीमेन ऑफ इंडिया के अध्यक्षा जेकब चिनम्मा ने आशा व्यक्त की है कि सीबीसीआई की योजना के अनुसार जल्द ही भारतीय कलीसिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ जायेगी।








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