नई दिल्लीः भारत पर मन्दी की मार, कम से कम एक करोड़ नौकरियों पर ख़तरा
विश्वव्यापी आर्थिक मन्दी का असर भारत पर भी पड़ रहा है जिसका निर्यात दिन ब दिन घटता
जा रहा है। इस वर्ष जनवरी माह में जनवरी सन् 2008 के मुकाबले भारतीय निर्यात 15.9 प्रतिशत
घटा। विशेषज्ञों के अनुसार यह दशकों के बाद आया सर्वाधिक गम्भीर आर्थिक संकट है जबकि
सरकार की पहलें स्थिति से उभरने के संकेत नहीं दे रही हैं।
भारतीय निर्यातकर्त्ता
संघ के अनुसार जनवरी माह में भारत ने 12.3 अरब डॉलरों का निर्यात किया जबकि सन् 2008
के जनवरी माह में उसने 14.7 अरब डॉलरों का निर्यात किया था। भारत विदेशों में मुख्यतः
कपड़ों एवं आभूषणों का निर्यात करता है किन्तु हाल के माहों में घटते आर्डरों के कारण
निर्यातकर्त्ता संघ को आशंका है कि वस्त्र एवं आभूषण निर्माण क्षेत्रों में कार्यरत कम
से कम एक करोड़ व्यक्ति 31 मार्च तक बेरोज़गार हो जायेंगे।
विशेषज्ञों का मानना
है कि आगामी कई माहों तक अमरीका तथा यूरोप से मांग की कमी के कारण भारतीय निर्यात न्यूनतम
रहेगा।
निर्यातकर्त्ता संघ के अनुसार आर्थिक मन्दी का सर्वाधिक दुष्परिणाम पहले
से ही निर्धनता में जीवन यापन करनेवालों पर पड़ रहा है। फरवरी माह में प्रकाशित विश्व
खाद्य कार्यक्रम की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 22 करोड़ लोग भुखमरी से पीड़ित हैं।