2009-03-03 15:26:58

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, रविवार पहली मार्च को रोम स्थित संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिये गये संदेश में कहाः-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

आज चालीसाकाल का पहला रविवार है। संत मारकुस की संयमित और सटीक शैली में सुसमाचार हमें पूजन धर्मविधि काल के माहौल का परिचय कराता है। आत्मा येसु को मरूभूमि की ओर ले चला। वे वहाँ 40 दिन रहे और शैतान ने उनकी परीक्षा ली। पवित्र भूमि में, जोर्डन तथा येरिखो के मरूउद्यान के पश्चिम में यूदा की मरूभूमि है जो चट्टानी घाटियों सहित 1000 हजार मीटर तक ऊँची है और इसका विस्तार येरूसालेम तक है।

योहन बपतिस्ता से बपतिस्मा प्राप्त करने के बाद येसु निर्जन प्रदेश में प्रवेश करते हैं। पवित्र आत्मा उनपर उतरने के बाद उन्हें ईश्वर के पुत्र के रूप में प्रकट करता है। उन्हें मरूभूमि में ले चलता है जो कि परीक्षा स्थल है, जैसा कि इस्राएल के लोगों का अनुभव दिखाता है। केनोसिस की नाटकीय वास्तविकता प्रकट होती है- येसु ने स्वयं को खाली कर दिया। वह वास्तव में ईश्वर थे लेकिन उन्होंने मनुष्यों के समान बनकर अपने को दीन हीन बना लिया। वे जिन्होंने कोई पाप नहीं किया और कोई पाप नहीं कर सकते थे उनकी परीक्षा ली गयी और इसलिए हम भरोसे के साथ उनके पास जायें जिससे हमें दया मिले जो हमारी आवश्यकताओं में हमारी सहायता करेगी। येसु स्वयं को शैतान के द्वारा प्रलोभन दिये जाने की अनुमति प्रदान करते हैं जिसने मानव की मुक्ति के लिए ईश्वरीय योजना का आरम्भ से ही विरोध किया था।

संक्षिप्त वृतांत में हम देखते हैं कि अस्पष्ट और अंधकारमय आकृति प्रभु को प्रलोभन देने का साहस करती है। देवदूत जो आलोकित और रहस्यमय छवि हैं प्रकट होते हैं। सुसमाचार बताता है कि दूत येसु की सेवा करते हैं, वे शैतान के विरोधी हैं। दूत का अर्थ है वह जिसे भेजा गया है। हम इन आकृतियो को सम्पूर्ण पुराने व्यवस्थान में देखते हैं जो ईश्वर के नाम पर मानव की सहायता कर उसे मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। तोबित के ग्रंथ पर विचार करें जिसमें स्वर्गदूत रफायल प्रकट होते हैं और अनेक पहलों द्वारा नायक की सहायता करते हैं। हर घटना में वे अच्छे और बुरे हों स्वर्गदूत की आश्वासन प्रदान करनेवाली उपस्थिति है कि प्रभु इस्राएलियों के साथ हैं। नये व्यवस्थान में हम देखते हैं कि गाब्रिएल दूत जकारियस और मरियम के पास शुभ संदेश की घोषणा करने के लिए भेजा जाता है जो हमारी मुक्ति का आरम्भ है। और एक स्वर्गदूत जिसका नाम नहीं बताया गया है अनिश्चितता की घड़ी में योसेफ को चेतावनी दे कर मार्गदर्शन प्रदान करता है। स्वर्गदूतों का एक समूह येसु के जन्म का शुभ समाचार चरवाहों को देता है। येसु के पुनरूत्थान का शुभ समाचार भी दूतों के द्वारा महिलाओं को सुनाया जाता है। न्याय के दिन येसु स्वर्गदूतों के साथ अपनी महिमा सहित आयेंगे। स्वर्गदूत येसु की सेवा परिचर्या करते हैं। येसु निश्चित रूप से उनसे उच्च हैं और उनकी प्रतिष्ठा की उदघोषणा यहाँ सुसमाचार में सुसंगत तरीके से स्पष्ट रूप से की जाती है। वस्तुतः घोर निर्धनता और दीनता की स्थिति में भी जब येसु को शैतान द्वारा प्रलोभन दिया जाता है वे ईश पुत्र, मसीह और प्रभु बने रहते हैं।

अतिप्रिय भाईयो और बहनो, हम सुसमाचार के सार्थक अंश को छोड़ देंगे यदि हम देवदूतों को किनारे कर देते हैं जो ईश्वर द्वारा हमारे मध्य उनकी उपस्थिति प्रकट करने के लिए भेजे जाते हैं और जो उनकी उपस्थिति का संकेत बनें। हम बहुधा दूतों का आह्वान करें ताकि वे येसु का अनुसरण करने के कार्य में, येसु के समान बनने में हमारी सहायता करें। हम उनसे कहें विशेष रूप से आज कि मेरे और रोमी कार्यालय के मेरे सहयोगियों की देखरेख करें जो इस सप्ताह प्रतिवर्ष के समान आध्यात्मिक साधना आरम्भ कर रहे हैं। मरियम स्वर्गदूतों की रानी हमारे लिए प्रार्थना करें।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया और देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने के बाद सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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