संत पापा ने चालीसाकालीन आध्यात्मिक साधना आरंभ किया
वाटिकन सिटी, 2 मार्च, 2009 । ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें 1 मार्च
रविवार शाम से अपना वार्षिक आध्यात्मिक साधना आरंभ कर दिया है जो अगले शनिवार 7 मार्च
को समाप्त हो जायेगा।
आध्यात्मिक साधना का निर्देशन कार्डिनल एरिंजे कर रहे हैं।
परंपरागत चालीसाकालीन इस मनन-चिन्तन में संत पापा के साथ सम्पूर्ण रोमन कूरिया के सदस्य
भाग लेते हैं।
पूजनविधि और संस्कारों के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के सेवानिवृत
अध्यक्ष कार्डिनल अरिंजे इस आध्यात्मिक साधना में ' पुरोहितों का येसु से मिलन और उनका
अनुसरण ' विषय पर प्रवचन दे रहे हैं।
ज्ञात हो कि कार्डिनल ने हाल ही में रिफ्लेक्सन
ऑन द प्रिस्टहुड, लेटर्स टू द यांग प्रिस्ट नामक एक किताब लिखी है। कार्डिनल अरिंजे ने
प्रतिभागियों से इस बात की चर्चा की कि कैसे एक पुरोहित येसु के बारे में जानता हैं और
कैसे येस का अनुसरण करते हुए ईश्वर के पास पहुँचता है।
दुसरे दिन की विषय वस्तु
के बारे में कार्डिनल आरिंजे ने बताया वे इस बात पर प्रवचन देंगे कि कैसे एक पुरोहित
येसु को यूखरिस्तीय समारोह और पवित्र धर्मग्रंथ के द्वारा पहचानता है। कार्डिनल ने
बताया कि येसु का अनुसरण करना आसान नहीं हैं पर यह भी सत्य है कि येसु के अनसुरण से हमारा
जीवन अर्थपूर्ण हो जाता है और हमें आन्तरिक खुशी मिलती है।
ज्ञात हो कि कार्डिनल
अरिंजे ने नाईजिरिया में 25 वर्षों तक एक पुरोहित के रूप में कार्य किया है और 25 वर्षों
तक वाटिकन में विभिन्न ज़िम्मेदारियाँ संभालीं हैं।
उनका मानना है कि हम अपने
अनुभवों को जितना दूसरों को बताते हैं हमारा साक्ष्य येसु के प्रति उतना ही गहरा होता
जाता है।