नई दिल्लीः सोराबजी ने उड़ीसा का प्रकरण उच्चत्तम न्यायालय के समक्ष रखा
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षों की ओर से वरिष्ठ वकील एवं भारत के पूर्व अटार्नी जनरल सोली
सोराबजी ने 23 फरवरी को उड़ीसा का प्रकरण उच्चत्तम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर हिन्दु
चरमपंथी हिंसा से पीड़ित लोगों के लिये उपयुक्त क्षतिपूर्ति की मांग की।
भारतीय
काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा उच्चत्तम न्यायालय को अर्पित याचिका को न्यायालय
ने स्वीकृति दे दी है। इस याचिका को कटक भूबनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष राफायल चीनत की
याचिका के साथ जोड़ने पर भी उच्चत्तम न्यायालय सहमत हो गया है।
भारतीय काथलिक
धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा उच्चत्तम न्यायालय को अर्पित याचिका में आग्रह किया गया
है कि साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने के लिये सरकार को निर्देश दिये जायें। पीड़ितों के
पुनर्वास के लिये राज्य एवं केन्द्रीय अधिकारियों की ज़िम्मेदारियों को भी निर्धारित
करने का आव्हान किया गया है।
ग़ौरतलब है कि अगस्त माह में एक हिन्दु चरमपंथी
नेता की हत्या के बाद उड़ीसा में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा आरम्भ हो गई थी जो अब भी समाप्त
नहीं हुई है। इस हिंसा में अब तक कम से कम 81 व्यक्तियों की हत्या हुई है, 4,500 आवासों,
236 गिरजाघरों एवं 36 ख्रीस्तीय संस्थाओं को आग के हवाले कर दिया गया है तथा 450 गाँवों
के 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गये हैं।