2009-02-23 13:21:41

मानवजीवन के रहस्यों को समझने के लिये ज्ञान की सभी शाखायें मिलकर कार्य करें - पोप


संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि मानवजीवन के रहस्यों को समझने के लिये ज्ञान की सभी शाखाओं को मिलकर कार्य करना चाहिये ताकि लोग सत्य को पहचान सकें।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे शनिवार 21 फरवरी को जीवन संबंधी परमधर्मपीठीय समिति द्वारा आयोजित सेमिनार में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।

सेमिनार की विषय-वस्तु थी ' उत्पति-संबंधी सीमायें और सुजनन विज्ञान के खतरे।'

संत पापा ने इस अवसर पर इस बात को स्वीकारा कि सुजनन विज्ञान ने समाज के लिये जीवन संबंधी महत्वपूर्ण योगदान दिये हैं।

उन्होंने इस बात को बताया कि इस विज्ञान ने दुनिया को यह भी बताया कि कुछ बीमारियाँ हैं, जो अनुवांशिक हैं।
संत पापा ने सुजनन विज्ञान के इस खोज के लिये उनकी सराहना की और कहा कि बीमारियों के संबंध में अनुवांशिक सिद्धांत के कारण बीमारियों के कारणों को समझने में मदद मिल रही है और उसके लिये उचित इलाज़ के भी उपाय किये जा रहे हैं।

संत पापा ने आगे कहा कि जीवन के संबंध में जो भी जानकारियाँ प्राप्त हुई है उससे मानव को बहुत लाभ हुए हैं।

उन्होंने आशा जतायी है कि अगर मानव-संबंधी सब ही विज्ञान एक-साथ मिलकर कार्य करें तो मानव-जीवन को इसका उचित लाभ मिल पायेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने सुजनन के कुछ खतरों के प्रति भी लोगों को आगाह किया।

उन्होंने कहा कि किसी भी विज्ञान के द्वारा किसी भी प्रकार से मानव के जीवन को ख़तरा पहुँचाना या उसके सम्मान को नज़रअंदाज़ करना मानवता के लिये खतरा है।

पोप ने यह भी कहा कि आज मानव को ज़रुरत है एक ऐसे संस्कार की जिसके द्वारा लोग एक-दूसरे का सम्मान करें और उनकी चिन्ता करें जो अपंग हैं या शारीरिक और मानसिक रूप से लाचार हैं।

संत पापा ने आशा व्यक्त की है कि शोधकर्त्ता जीवन के संबंध में अपनी खोज़ जारी रखेंगे, इसकी नैतिकता को ध्यान देंगे और इस बात पर भी ध्यान देंगे कि इससे मानव की रक्षा हो और मानव का पू्र्ण प्रगति हो सके।








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