दिल्ली के प्रति धर्माध्यक्ष फ्रंको मुलाक्कल के प्रतिस्थापन-समारोह सम्पन्न
नयी दिल्ली, 21 फरवरी, 2009 । नयी दिल्ली के नवनिर्वाचित प्रति धर्माध्यक्ष फ्रंको मुलाक्कल
के प्रतिस्थापन समारोह में करीब दस हज़ार लोगों ने भाग लिया।
पचास वर्षीय दिल्ली
महाधर्मप्रांत के लिये नियुक्त धर्माध्यक्ष केरल निवासी है और पंजाब के जलंधर धर्मप्रांत
में कार्यरत थे।
21 फरवरी को संपन्न समारोह में दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष विन्सेंट
एम. कोनचेसाव ने यूखरिस्तीय समारोह की अध्यक्षता की।
उनके साथ थिस्सुर का महाधर्माध्यक्ष
अन्द्रेयस थज़ात और जलंधर के धर्माध्यक्ष अनिल कउतो भी शामिल हुए। समारोह के पू्र्व
संत पापा की नियुक्ति पत्र को पढ़कर अंग्रेजी और हिन्दी भाषा में सुनाया गया।
इस
समारोह में संत पापा के लिये भारत के राजदूत महाधर्माध्यक्ष लोपेज क्विन्ताना भी उपस्थित
थे।
इस अवसर पर बोलते हुए धर्माध्यक्ष कउतो ने कहा कि धर्माध्यक्ष बनना एक विशेष
बुलाहट जिसमें ईश्वर धर्माध्यक्ष को कलीसिया की देखभाल करने के लिये बुलाते हैं। उन्हें
येसु के पदचिह्नों पर चलते हुए लोगों की सेवा में ईश्वर की इच्छा पूरी करने का दायित्व
होता है।
नव-अभिषिक्त धर्माध्यक्ष फ्रंको मुलाक्क्ल ने अपने लिये एक आदर्श वाक्य
चुना है जिसे लैटिन में ' उत् इन आमनीबुस ग्लोरिफिचेरतुर देउस ' कहा जाता है । इसका
अर्थ है ' ताकि सब कुछ में ईश्वर की महत्तर महिमा हो ' ।
ज्ञात हो कि नव अभिषिक्त
धर्माध्यक्ष फ्रंको को संत पापा ने अंतर-धार्मिक वार्ता के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति
के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है।
आशा की जा रही है कि उनक धर्माध्यक्ष
बनने से इस दिशा में कुछ विशेष कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि धार्मिक
मामलों की समस्यायें अगर समाप्त न भी हो पर इन्हें वार्ता के द्वारा अवश्य ही कम किये
जा सकते हैं।
समारोह का समापन अन्तरधार्मिक प्रार्थना सभा के द्वारा किया गया।
इस सभा में रामकृष्ण मिशन के स्वामी शान्तामानन्दा, सिक्ख सम्प्रदाय के गुरु
शिवतेग सिंह और मुसलिम समुदाय के मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी भी उपस्थित थे धर्माध्यक्ष
के लिये खुदा से दुआयें कीं।