रोम स्थित एशिया न्यूज़ ने बुधवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित कर बताया कि चीनी सरकार अनेक
काथलिक वेब साईटों को बन्द कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी अधिकारियों का कहना
है कि वे उन वेब साईटों को निशाना बना रहे हैं जो अशलीलता से भरी हैं तथा जो सरकारी सूचनाओं
की मिथ्या व्याख्या करती हैं।
एशिया समाचार के अनुसार अशलीलता को खत्म करने के
बहाने चीनी अधिकारियों ने रेडियो वेरितास एशिया की वेब साईट, तायवान की सभी काथलिक वेबसाईटों
तथा हाँग काँग धर्मप्रान्त की वेबसाईटों को क्रमबद्ध ढंग से बन्द कर दिया है।
रिपोर्ट
में कहा गया कि यद्यपि हाल में चीन एवं तायवान के बीच सम्बन्धों में सुधार आया है तथापि
तायवान की साईटों को बन्द करना समाप्त नहीं हुआ है।
यह भी बताया गया कि कई बार
एशिया न्यूज़ की वेब साईट को भी बन्द कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त, ऑलिपिक खेलों के
दौरान बहुत सी वेब साईटों को अनुमति देने की घोषणा की गई थी किन्तु ये वेब साईटें जैसे
बी.बी.सी. वॉईस ऑफ अमेरिका तथा अन्यों को केवल ऑलिम्पिक क्षेत्र तक ही सीमित कर दिया
गया था। चीनी विधान के उल्लंघन का आरोप लगाकर चीनी जनता में लोकप्रिय वेब साईट "लीगल
वर्ल्ड" को भी बन्द कर दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि आधिकारिक आँकड़ों
के अनुसार सन् 2008 में चीन में इन्टरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या 25 करोड़ तीस
लाख थी तथा उपभोक्ताओं की इतनी विशाल संख्या के मद्देनज़र ही सरकार ने वेबसाईटों के विरुद्ध
अपना अभियान छेड़ा। बताया जाता है कि सरकार कुछेक राजनैतिक प्रश्नों जैसे तायवान, तिब्बत,
तियानमेन की माताओं आदि पर तथा कुछेक सामयिक समस्याओं जैसे मेलामीनयुक्त दूध एवं साम्यवादी
पार्टी में व्याप्त भ्रष्टाचार आदि संवेदनशील खबरों पर अपनी स्थिति का खुलासा नहीं करना
चाहती है।