संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा है कि मानव जीवन उपहार है जिसे धैर्य और प्रेम से खजाने
के समान संजोये रखना है। 11 फरवरी को विश्व रोगी दिवस के अवसर पर रोम स्थित संत पेत्रुस
महामंदिर में आयोजित समारोही ख्रीस्तयाग की समाप्ति पर उपस्थित रोगियों और उनकी देखरेख
करनेवाले सेवाकर्मियों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि मानव जीवन फेंकने या
नष्ट करने जैसी वस्तु नहीं है लेकिन कीमती खजाना है जिसकी रक्षा और देखरेख करनी है। जीवन
के आरम्भ होने के प्रथम क्षण से लेकर प्राकृतिक मृत्यु होने तक इसके प्रति यथासंभव ध्यान
दिया जाना चाहिए। उन्होंने कि जीवन एक रहस्य है जिसके लिए प्रत्येक व्यक्ति से जिम्मेदारी,
प्रेम, धैर्य और उदारता की अपेक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि यह सब समय आसान नहीं
है तथापि सांसारिक अस्तित्व में उतार-चढ़ाव का सामना करने के लिए, विशेष रूप से बीमारी
और अन्य पी़ड़ाओं के समय हम में साहस और धैर्य होना है।