2009-02-09 12:44:06

सुसमाचार के प्रचार के लिये आधुनिक मीडिया का सहारा लेना समय की माँग - डॉ. माबेल


औरंगाबाद, 9 फरवरी, 2009। पश्चिम भारत के सीबीसीआई के सामाजिक सम्प्रेषण विभाग के धर्माध्यक्षों की औरंगाबाद में हुई दो दिवसीय वार्षिक आम सभा में निर्णय लिया गया है कि वे सुसमाचार के प्रचार के लिये आधुनिक मीडिया का सहारा लेंगे।
औरंगाबाद युनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. माबेल फर्नान्डेस ने अपने उदघाटन भाषण में कहा कि भारत की कलीसिया के लिये वह समय आ गया है जव वह मीडिया का उपयोग अपनी सुरक्षा और सुसमाचार के मूल्यों के प्रचार के लिये प्रभावपूर्ण तरीके से करे।
डॉ. माबेल ने मीडिया की भूमिका पर बोलते हुए कहा कि जैसे पुराने व्यवस्थान में मूसा ने किया नये व्यवस्थान में संत पौल ने तत्कालीन मीडिया का भरपूर उपयोग किया उसी प्रकार आज कलीसिया को चाहिये कि वह मीडिया का सटीक उपयोग करे।
ज्ञात हो कि 6 और 7 फरवरी सन् 2009 में आयोजित इस मीडिया सेमिनार में पश्चिम भारत के 15 धर्मप्रांतों के 42 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सेमिनार की विषयवस्तु थी " वर्त्तमान भारत में मीडिया की भूमिका ।"
इस अवसर पर सेमिनार में 43वें वर्ल्ड कम्यूनिकेशन डे के लिये दिये गये संत पापा के संदेश पर भी विचार-विमर्श किया गया जिसमें उन्होंने इस बात पर बल दिया है कि नयी तकनीकि का उपयोग ऐसा हो कि इससे सम्मान, वार्तालाप और मैत्री की भावना को बढ़ावा मिले।
इस अवसर पर बोलते हुए सीबीसीआई के सामाजिक सम्प्रेषण विभाग के सेक्रेटरी फादर जोर्ज पल्होत्तम एसडीबी की प्रतिनिधि यह देखें कि वे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और मीडिया के द्वारा एक-दूसरे से जुड़ें और एक साथ मिलकर कार्य करें।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि चर्च को एक साथ मिल कर कार्य करने की आवश्यकता हैं विशेष कर ऐसे समय में जब देश में जब ईसाइयों विरोधी लहर तेज हुए हैं और इसी वर्ष अप्रैल-मई में लोक सभा चुनाव के द्वारा लोग जनप्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे।
पश्चिम क्षेत्र के सीबीसीआई के अध्यक्ष जेस्विट धर्माध्यक्ष गोडफ्री डे रोजारिया कहा कि मीडिया के क्षेत्र में कलीसिया ने लम्बी दूरी तय की है और आगे भी एक होकर सुसमाचार के प्रचार में एकजुट होकर मीडिया का उपयोग करने की आवश्यकता है।








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