यूट्यूब पर वाटिकन (स्रोतःवाटिकन SEDOC) सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने लोकप्रिय
वीडियो वेबसाइट यूट्यूब पर वाटिकन के निजी चैनल का शुभारम्भ किया। 24 जनवरी को संचार
माध्यम कार्यकर्त्ताओं के संरक्षक सन्त, सालेस के सन्त फ्रान्सिस, के पर्व दिवस पर सन्त
पापा ने वाटिकन के इस नवीन साइबरस्पेस उद्यम का उदघाटन किया।
यूट्यूब चैनल पर
सन्त पापा के प्रभाषणों एवं प्रवचनों तथा परमधर्मपीठ सम्बन्धी समाचारों का श्रवण विडियो
दृश्यों सहित किया जा सकता है। यद्यपि सन् 1995 से वाटिकन की अपनी वेबसाइट है, तथापि
यूट्यूब के माध्यम से साइबरस्पेस में व्यापक पहुँच की आशा की जा रही है। वाटिकन के अधिकारियों
के अनुसार इस चैनल का उद्देश्य काथलिक विश्वासियों के साथ साथ सामान्य वेब उपयोगकर्त्ताओं
तक पहुँचना है।
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, यूट्यूब पर दिये अपने प्रथम सन्देश
में, वाटिकन के इस चैनल को सम्पूर्ण विश्व में आशा के प्रसार हेतु एक नवीन और शक्तिशाली
माध्यम निरूपित किया।
काथलिकों को सम्बोधित कर उन्होंने कहाः "आपको प्रसार
के नवीन तरीके खोजने होंगे - एक नए तरीके से - इंटरनेट के माध्यम से, आशा की आवाजों और
तस्वीरों को प्रस्तुत करना होगा जिसने आज एक बुने हुए जाल की तरह हमारे सम्पूर्ण ग्रह
को घेर रखा है।"
यूट्यूब के मालिक "गूगल इन्टरनेट कम्पनी" के सहयोग से वाटिकन
ने अपना नया यूट्यूब चैनल आरम्भ किया है जिसके लिये प्रसारण सामग्री की आपूर्ति वाटिकन
टेलेविज़न केन्द्र द्वारा की जायेगी। इस समय यह चैनल में अंग्रेजी, जर्मन, इताली तथा
स्पानी भाषाओं में उपलब्ध है।
वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो के
अनुसार इस नवीन उद्यम का लक्ष्य वेब पर सन्त पापा की उपस्थिति को सुरक्षित करना था। पत्र
ने प्रकाशित किया कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें हमेशा से ही "नई प्रौद्योगिकियों के
शौकीन" रहे हैं।
परमधर्मपीठीय सम्प्रेषण विभाग के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष क्लाऊदियो
मरिया चेल्ली ने समाचार पत्र से कहा कि सन्त पापा "डिजिटल पीढ़ी" तक पहुँचने का मनोरथ
रखते हैं।
वाटिकन के इस नई साईट का पता हैः www.youtube.com/vatican
सि.
निर्मला जोशी को पद्म विभूषण (स्रोतः ICNS) उदारता के मिशनरी धर्मसंघ "मिशनरीज़
ऑफ चैरीटी" की अध्यक्षा सि. निर्मला जोशी को, नौ अन्य भारतीयों के साथ, भारत के द्वितीय
उच्चत्तम पुरस्कार "पद्म विभूषण" से सम्मानित किया गया है। गणतंत्र दिवस की पूर्व सन्ध्या
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रपति प्रतिभा
पाटिल ने इस वर्ष 133 पद्म पुरस्कारों को अनुमोदन दिया है। दस पद्म विभूषणों के अतिरिक्त
30 पद्म भूषण और 93 पद्म श्री पुरस्कारों को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त हुआ। 75
वर्षीय सि. निर्मला जोशी सन् 1997 से मदर तेरेसा द्वारा स्थापित "मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी"
काथलिक धर्मसंघ की विश्वाध्यक्षा हैं। मदर तेरेसा के निधन के बाद उन्हें धर्मसंघ की अध्यक्षा
नियु्क्त किया गया था। सि. जोशी नेपाल के एक ब्राहमण परिवार से हैं जिन्होंने कलकत्ता
की स्व. मदर तेरेसा के कल्याणकारी कार्यों से प्रभावित होकर 24 वर्ष की आयु में ख्रीस्तीय
धर्म का आलिंगन कर लिया था। सि. जोशी को राजनीति शास्त्र एवं विधि शास्त्र में स्नातकोत्तर
की डिगरियाँ प्राप्त हैं। भारत के अतिरिक्त सि. जोशी ने लातीनी अमरीका के पनामा, अमरीका
के वाशिंगटन तथा यूरोप के कई देशों में सेवाएँ अर्पित की हैं। इस बीच गणतंत्र दिवस
पर उन शहीदों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने वतन के लिये अपनी कुर्बानी दी। इनमें
प्रमुख हैं 26 नवम्बर सन् 2008 को मुम्बई के आतंकवादी आक्रमण में शहीद हुए पुलिस अधिकारी,
आतंकवादी निरोधक दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे, मुंबई पुलिस के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर
अशोक काम्टे, पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर, सब इंस्पेक्टर तुकाराम ओम्ले, एनएसजी के
मेजर एस. उन्नीकृष्णन और हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट। इन सभी को मरणोपरान्त अशोक चक्र
से सम्मानित किया गया। नई दिल्लीः राष्ट्रीय सामुदायिक मैत्री पुरस्कार फादर दोमनिक
एम्मानुएल को (स्रोतः CBCI)
भारतीय काथलिक पुरोहित डॉ. डोमनिक एम्मानुएल को
"राष्ट्रीय सामुदायिक मैत्री" पुरस्कार सन् 2008 के लिये चुना गया है। भारत के उपराष्ट्रपति
के नेतृत्व में गठित जूरी ने दिव्य शब्द धर्मसमाज के पुरोहित फादर दोमनिक एम्मानुएल को
तथा दिल्ली स्थित मुसलमान लोकोपकारी संगठन अनजुमन सैर-ए-गुल फारोशान को "राष्ट्रीय सामुदायिक
मैत्री" पुरस्कार देने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय सामुदायिक मैत्री पुरस्कार
की स्थापना सन् 1964 ई. में हुई थी। तब से यह पुरस्कार प्रति वर्ष लोगों में मैत्री एवं
सदभाव स्थापित करने हेतु प्रयासरत किसी एक व्यक्ति एवं किसी एक संगठन को दिया जाता रहा
है। इस पुरस्कार के तहत विजेता व्यक्ति को एक स्मारक पत्र के साथ साथ दो लाख रुपये नकद
तथा विजेता संगठन को एक स्मारक पत्र सहित पाँच लाख रुपये दिये जाते हैं।
57 वर्षीय
फादर दोमनिक एम्मानुएल विगत कई दशकों से विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच मैत्री एवं समझदारी
को प्रोत्साहित करने के लिये प्रयास करते रहे हैं। संचार एवं वार्ता विषय पर डॉक्टरेड
की उपाधि पाने के बाद से आपने अन्तरधार्मिक विषयों पर 14 से अधिक पुस्तकें एवं रेडियो
प्रभाषण लिखें हैं। गुजरात में सन् 2002 में हिन्दु मुसलिम झगड़ों के बाद तथा उड़ीसा
में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के बाद सम्पन्न सदभावना यात्राओं में भी आपने भाग लिया था।
नई दिल्लीः अन्तरराष्ट्रीय काथलिक उदारता संगठन की भारतीय शाखा द्वारा सौ करोड़
रुपये की योजना घोषित (स्रोतः ICNS)
अन्तरराष्ट्रीय काथलिक उदारता संगठन "कारितास"
की भारतीय शाखा ने देश निर्माण में लोगों की भागीदारी को बेहतर बनाने के लिये सौ करोड़
रुपये के कार्यक्रम की घोषणा की है। किसी ग़ैरसरकारी संगठन द्वारा घोषित यह अब तक का
सर्वाधिक विशाल कार्यक्रम है।
19 तथा 20 जनवरी को बैंगलोर में कारितास की राष्ट्रीय
आम सभा सम्पन्न हुई। इससे पूर्व भारत में कारितास के कार्यकारी निर्देशक फादर वरगीज़
मट्टामाना ने एक पत्रकार सम्मेलन में कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा था कि उक्त धनराशि
का उपयोग सम्पूर्ण भारत में सेवारत कारितास के कार्यालयों के माध्यम से विभिन्न पहलों
के लिये किया जायेगा जिनमें सूचना पाने का अधिकार, जलवायु परिवर्तन और विकास तथा स्थानीय
प्रशासन में लोगों की भागीदारी के प्रति चेतना जागरण अभियान सम्मिलित है।
फादर
वरगीज़ मट्टामाना ने बताया कि कार्यक्रम भारत के 160 काथलिक धर्मप्रान्तों में कार्यरत
कारितास के कार्यालयों तथा उन स्वयंसेवी एवं ग़ैरसरकारी संस्थाओं के नेतृत्व में संचालित
किया जायेगा जो धर्म और जाति का भेदभाव किये बिना लोककल्याण को समर्पित हैं। फादर ने
बताया कि अच्छे प्रशासन पर कन्नड़ भाषा में एक पुस्तक भी तैयार की जा रही है जिसे अन्य
भाषाओं में भी अनूदित किया जायेगा।
इस समय कारितास संगठन भारत में 400 से अधिक
कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है।
तिरूचीः वेलांकनी तक रेल लाईन जून माह से (स्रोतः
ICNS)
तमिल नाड स्थित वेलांकनी के मरियम तीर्थ तक जानेवाली रेलवे लाईन जून माह
से आरम्भ हो जायेगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार सूनामी के बाद ध्वस्त नागापाट्टिनम रेलवे
लाईन का नये सिरे से निर्माण किया गया है जो जून माह तक तैयार हो जायेगी तथा तीर्थयात्री
सरलता से वेलांकनी मरियम तीर्थ तक पहुँच सकेंगे।
नागापाट्टिनम की ब्रॉड गेज लाईन
दस किलोमीटर लम्बी है तथा इसके निर्माण में तीस करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। वेलांकनी के
काथलिक तीर्थ ने इसके निर्माण के लिये एक करोड़ रुपये का अनुदान दिया था।
मरियम भक्ति पर रोक (स्रोतः बी.बी.सी.) बुरुंडी
के एक छोटे से गाँव में एक पहाड़ी पर मरियम की विनती पर रोक लगा दी गई है। बी.बी.सी.
की इन्टरनेट साईट पर प्रकाशित एक समाचार के अनुसार यूज़ेबी नाम की एक 23 वर्षीय युवती
का दावा था कि उसे इस पहाड़ी पर प्रति माह 11 तारीख को मरियम दर्शन देती हैं। इस
दावे के बाद हज़ारों लोग इस पहाड़ी पर निश्चित समय पर एकत्रित होने लगे थे किन्तु अब
सरकार ने कहा है कि प्रार्थना करने वाले परेशानी खड़ी कर रहे हैं और उन्हें यह प्रार्थना
रोक देनी चाहिए। बुरुणडी की काथलिक कलीसिया ने कहा है कि वह उक्त दावे की जाँच कर
रही है। . उस इलाक़े के गवर्नर एडवर्ड एनडूविमाना के अनुसार इस युवती के साथ मरियम
दर्शन के लिये सम्पूर्ण बुरुण्डी से लोग एकत्रित होने लगे हैं और साथ ही पड़ोसी देश यूगांडा
और रूआण्डा से भी लोग यहाँ आ रहे हैं। गवर्नर एडवर्ड एनडूविमाना का कहना है कि हर
महीने की 11 से लेकर 13 तारीख़ तक हर रात लोग इस पहाड़ी पर इकट्ठे होते हैं. वे लोग प्रार्थना
करते हैं, ढोल पीटते हैं, गाते हैं और रोते हैं। किन्तु बुरुण्डी की काथलिक कलीसिया का
कहना है कि जब तक इस मामले की जाँच नहीं हो जाती लोगों को यूज़ेबी के पास जाना बंद कर
देना चाहिए। अब लोगों को पहाड़ी पर जाने से रोकने के लिए पुलिस तैनात करने की योजना
है। यूज़ेबी के प्रति आकर्षितों का कहना है कि वह चार साल की थी तब से ही वह मरियम
से से बात करती है। उसकी एक भक्त रेगीना का कहना है कि जब वह यूज़ेबी से बात करती है
तो उसे मरियम की आवाज़ सुनाई पड़ती है लेकिन उसका कहना है कि मरियम सिर्फ़ उन लोगों को
ही दिखाई देती हैं जिसे 'ईश्वर की ओर से विशेष वरदान' प्राप्त हुआ है। इलाके के एक वरिष्ठ
मजिस्ट्रेट भी यूज़ेबी के भक्त हैं और उनका दावा है कि उन्होंने एक बार यूज़ेबी के हाथ
में आकाश से रोटी गिरने का चमत्कार भी देखा है। दोनों का कहना है कि मरियम यूज़ेबी
के ज़रिए सब लोगों को पाप से बचने और एक दूसरे से प्यार करने का संदेश देती हैं।