परमधर्मपीठीय अदालत के जजों और अधिकारियों को संत पापा का संदेश
परमधर्मपीठीय अदालत रोमन रोटा के जजों और अधिकारियों को परमधर्मपीठीय अदालत के कार्य
वर्ष आरम्भ होने के अवसर पर संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने गुरूवार को सम्बोधित करते हुए
कहा कि अदालत का कार्य़ सत्य और उदारता की प्रेरिताई है। वे विवाह संबंधी मामलों पर गहन
विचार के साथ कार्य करें। उन्होंने अधिकारियों को मानव प्रकृति के बारे में निराशाजनक
दर्शन में उलझने के प्रति सचेत किया जिसके अनुसार एक पुरूष और एक स्त्री के लिए अपरिहार्य़
रूप से एकदूसरे के प्रति समर्पण करना असंभव हो जाता है कि वे विवाह बंधन में बंधें। दूसरी
ओर विवाह को अति आदर्शवादी विवाह संस्थान के रूप में प्रस्तुत करने के खतरे के प्रति
भी उन्होंने सचेत किया कि सामान्य व्यक्ति इसके आदर्शों के अनुसार जी नहीं पाता है। अपने
पूर्वाधिकारी संत पापा जोन पौल द्वितीय के शब्दों का स्मरण करते हुए संत पापा ने कहा
कि कलीसिया के कानूनी क्रिया कलाप विवाह संबंधी मामलों को देखते समय स्वस्थ वास्तविकता
के अंतर्गत हों। संत पापा ने यह कामना की कि परमधर्मपीठीय अदालत के अधिकारी अंतःकरण के
प्रति सतर्क और सजग रहकर अपने कर्तव्य का निर्वाह कर सकें और इसके लिए ईश्वर उन्हें अपनी
कृपा से आलोकित करें।