वाटिकन सिटीः परिवार से श्रेष्ठ शिक्षक और कोई नहीं, बेनेडिक्ट 16 वें
जीवन सम्बन्धी शिक्षा प्राप्त करने के लिये परिवार से श्रेष्ठ और कोई जगह नहीं है, यह
बात सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार को मेक्सिको में सम्पन्न परिवार सम्मेलन को
प्रेषित सन्देश में कही।
मेक्सिको शहर स्थित ग्वादालूपे के मरियम तीर्थ पर बुधवार
से रविवार तक आयोजित छठवें विश्व परिवार सम्मेलन को सन्त पापा ने विडियो लिन्क के माध्यम
से अपना सन्देश दिया।
सन्देश में सन्त पापा ने परिवारों से अनुरोध किया कि वे
प्रार्थना में एक दूसरे के साथ संयुक्त रहें। उन्होंने कहा, "परिवार रूप में मिलकर प्रार्थना
करना तथा ईश्वर को उनके जीवनदायी एवं प्रभावकारी शब्दों द्वारा बोलने देना कितना सुन्दर
है। "प्रार्थना में," सन्त पापा ने कहा, "विशेष रूप से रोज़री विनती में, परिवार येसु
के जीवन पर मनन चिन्तन करता तथा इन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने के लिये उत्साहित
होता है।"
परिवारों को सन्त पापा ने समाज तथा लोगों के लिये एक अपरिहार्य आधार
एवं वह सर्वश्रेष्ठ जगह निरूपित किया जहाँ माता पिता के उदार समर्पण एवं प्रेम के फल
रूप में बच्चे जीवन पाते हैं। उन्होंने कहा कि परिवार, जिन्हें मानव व्यक्ति की शिक्षा
में प्राथमिक स्थान प्राप्त है, मानवता एवं चिरस्थायी मूल्यों के यथार्थ प्रशिक्षण केन्द
हैं।
सन्त पापा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने आप ही जीवन नहीं पाता बल्कि उसे
जीवन परिवार में प्राप्त होता है। परिवार में ही उसकी परवरिश होती तथा उसका वांछित विकास
होता। परिवार ही वह स्थल है जहाँ व्यक्ति शांति, कर्म, मैत्री और सम्मान जैसे जीवन सम्बन्धी
मूल्यों की शिक्षा प्राप्त करता है। "इस अर्थ में," सन्त पापा ने कहा, "पुरुष एवं स्त्री
के बीच अविच्छेदीय वैवाहिक सम्बन्ध पर आधारित परिवार ही इस तरह के पुत्रोचित्त एवं सामुदायिक
आयाम को अभिव्यक्त कर ऐसा स्थल बनता है जहाँ मनुष्य पूर्ण मर्यादा के साथ जन्म ले सकता,
विकसित हो सकता एवं अखण्ड रूप से अपना विकास कर सकता है।"