2009-01-14 14:07:13

बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश
14 जनवरी, 2009


बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पौल षष्टम् सभागार में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में संबोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहाः-

मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों संत पौल की धर्मशिक्षा को जारी रखते हुए आइये हम आज उसके दो पत्रों पर मनन ध्यान करें जिसे उन्होंने कोलोसियों और एफिसियों के नाम लिखे थे।

इन पत्रों में सत पौल ने येसु को न केवल कलीसिया का शीर्ष कहा है पर पूरे विश्व का ही मालिक कहा है। इन पत्रों से हम इस बात को समझ पाते हैं कि येसु मसीह के विरुद्ध दुनिया की कोई शक्ति नहीं हो सकती है।

इसमें संत पौल ने हमें यह बताया है कि केवल ईसा मसीह ने हमें बहुत प्यार किया और अपने आप को पूर्ण रूप से हमारे लिये दे दिया है। और इसीलिये अगर हम सदा उनसे जुड़े रहते हैं तो हमें किसी भी बात का भय नहीं होगा।

यह ईश्वर की योजना थी सब कुछ को येसु में केन्द्रित करे जिसके द्वारा ही सब कुछ की सृष्टि की गयी है। ईश्वर चाहते हैं कि हम येसु के रक्त के द्वारा जिसे उसने क्रूस पर हमारे लिये बहाया हम ईश्वर के निकट आयें।

येसु को कलीसिया का शीर्ष मानने का अर्थ यह भी है कि येसु न केवल कलीसिया के शीर्ष है पर वे पूरी दुनिया के भी मालिक हैं।

इन पत्रों में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि येसु कलीसिया के दुल्हे हैं और कलीसिया उसकी दुल्हिन हैं। और येसु मसीह ने अपनी दुल्हिन कलीसिया को अपने क्रूस के बलिदान के द्वारा जीत लिया है।

अपने प्राण देने से बढ़कर क्या कोई प्रेम का प्रमाण हो सकता है । ऐसा करने के द्वारा येसु चाहते हैं कि हम रोज दिन उसके योग्य वनते जायें ताकि हम अपने अच्छे आचरण और सदव्यवहार के द्वारा इस बात का साक्ष्य दे सकें कि येसु ने हमें कितना प्यार किया है।

आप ईश्वर को उसके वरदानों के लिये धन्यवाद देते रहिये कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने देश-विदेश से आये तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और उनके परिवार के सब सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।









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