वाटिकन सिटी 28, दिसंबर, 2008। समलैंगिक गुटों और कार्यकर्ताओं ने पोप बेनेडिक्ट 16वें
के इस बयान पर आक्रोश ज़ाहिर किया है कि मानवजाति को इस विनाश से बचाया जाना चाहिए।
संत
पापा ने अपने भाषण में कहा था कि मानवजाति को समलैंगिक व्यवहार से बचाया जाना उतना ही
ज़रूरी है जितना पर्यावरण या वर्षावनों को विनाश से बचाना।
यूके के लेस्बियन और
गे क्रिश्चियन मूवमेंट ने इन टिप्पणियों को और अस्वीकार्य बताया है।
महिला के
भेष में रहने वाले पुरुष पूर्व इतालवी सांसद व्लादिमीर लक्ज़ूरिया ने पोप के शब्दों को
पीड़ादायक बताया।
उन्होंने कहा कि उनके जैसे लोगों के मुख से समलैंगिक व्यवहार
को विनाशकारी बताना बहुत तकलीफ़देह है।
पोप ने कहा था "ईश्वर की बनाई प्रकृति
के विपरीत जाने का अर्थ है मानवजाति का अपने ही हाथों अपना विनाश"। उन्होंने कहा, "वर्षावनों
को हमारी सुरक्षा की ज़रूरत है लेकिन उतनी ही मानवजाति को भी है"।
गे मूवमेंट
प्रमुख रेवरेंड शैरन फ़र्गुसन का कहना था पोप के बयान समलैंगिकों पर प्रहार और धौंस के
परिचायक हैं।
कैथोलिक चर्च समलैंगिक विवाहों का विरोध करता है. उसमें कहा जाता
है कि हालाँकि समलैंगिकता पाप नहीं है, लेकिन समलैंगिकों का व्यवहार पाप की श्रेणी में
आता है।
इस महीने के प्रारंभ में वैटिकन ने कहा था कि समलैंगिकता को अपराध की
श्रेणी में रखने का संयुक्त राष्ट्र का रखा जाने वाला प्रस्ताव उचित नहीं है।