2008-12-27 12:38:57

नारीमन हाउस में मारे गए यहूदियों की याद में गुरुवार को एक प्रार्थना सभा


मुंबई, 27 दिसंबर, 2008। मुंबई में 26 नवंबर को हुए हमलों में नारीमन हाउस में मारे गए यहूदियों की याद में गुरुवार को एक प्रार्थना सभा हुई और बाद में गेटवे ऑफ़ इंडिया तक मार्च भी निकाला गया.
आठ दिन चलने वाले यहूदी त्योहार हानुका के मौके पर ताज होटल के सामने यहूदी इकठ्ठा हुए। इस मौके पर न्यूयॉर्क से आए वरिष्ठ यहूदी धर्मगुरू रबाई कोटलोर्स्की ने लोगों से ख़िताब किया कि वो चरमपंथ की वजह से पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने कहा, "हम चरमपंथ का मुक़ाबला एके 47 राइफ़लों, बमों और ग्रेनेड से नहीं करेंगे। हम दुनिया के उन हिस्सों में उजाला करेंगे जहां अंधेरा है।" याद रहे कि मारे गए लोगों में रबाई गैव्रियल हाल्ट्ज़बर्ग और उनकी पत्नी रिव्का भी शामिल थीं. हमलों में ज़िंदा बचा उनका एकमात्र बेटा मौशे अभी इस्राइल में है।
उन्होंने मोशे का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब वो बिना माता पिता के बड़ा होगा. इस मौके पर हाल्ट्ज़बर्ग परिवार के सदस्य औऱ इज़राईल से आए कई यहूदी धर्मगुरू भी उपस्थित थे। इकठ्ठे हुए यहूदियों ने प्रार्थना की और नारे भी लगाए।
मुंबई के जोएल जोलास्कर ने कहा कि यहूदी लोग त्योहार हानुका के मौके पर ताज के सामने इकठ्ठा उन्होंने कहा कि हम ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि हममें से कोई भी डरा हुआ नहीं है।
उन्होंने कहा, "हमें सार्वजनिक रूप से निशाना बनाया गया, इसके बावजूद हम बाहर आकर अपने त्योहार मनाते रहेंगे।"
उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोशे जब बड़ा होगा तो वापस मुंबई अपनी पत्नी के साथ लौटेगा और अपनी पिता की जगह लेगा।









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