भुवनेश्वर, 27 दिसंबर, 2008। दंगा प्रभावित कंधमाल जिले से केंद्रीय सुरक्षा बलों को
हटाने से पहले उड़ीसा सरकार वहां की स्थिति का जायजा लेगी। राज्य के गृह सचिव आदित्य
पाधी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उस जिले में सुरक्षाबलों की मौजूदगी
की समय सीमा अब समाप्त होने वाली है। क्षेत्र से सुरक्षाबलों को हटाने से पूर्व वहां
की जमीनी स्थिति की समीक्षा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र को
यह निर्देश दिया था कि कंधमाल जिले में दिसंबर माह के अंत तक अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती
की अनुमति दी जाए। इस बीच अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस [एडीजी] देशराज मीना ने टेलीविजन
चैनलों को बताया कि उड़ीसा पुलिस कंधमाल जिले से जनवरी के पहले सप्ताह में कई चरणों में
सीआपीएफ और आरएएफ को हटाने के पक्ष में होगी। दूसरी ओर कंधमाल जिला प्रशासन अतिरिक्त
पुलिस महानिदेशक के इस बयान पर आश्चर्यचकित है। गृह मंत्रालय के अधिकारी कंधमाल जिले
की स्थिति की समीक्षा के बाद ही कोई टिप्पणी करना चाहते हैं। कंधमाल जिले में सितंबर
में भड़के दंगे के बाद से इलाके में सीआरपीएफ, आरएएफ और राज्य पुलिस बल के करीब 4000
जवान तैनात हैं। इस बीच, कंधमाल जिले से सुरक्षाबलों को हटाए जाने का मामला ईसाई
नेताओं की इस मांग के बाद और उलझ गया है कि इस इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती की अवधि
को देश में आम चुनाव संपन्न होने तक बढ़ा दिया जाए।